मुंबई (एजेंसी)। बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार मोहम्मद ज़हूर खय्याम का 92 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से सोमवार की रात निधन हो गया। सीने के संक्रमण और निमोनिया की दिक्कत के बाद उन्हें 28 जुलाई को मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार यानी 20 अगस्त को मुंबई के दक्षिण पार्क, जुहू के जेवीपीडी सर्कल में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
खय्याम के निधन से फिल्म जगत शोक में है। खय्याम के निधन के बाद बॉलीवुड के तमाम सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए शोक जताया है। फिल्ममेकर करण जौहर ने खय्याम साहब को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, ‘आपकी आत्मा को शांति मिले खय्याम साहब। आपका म्यूजिक हमेशा जिंदा रहेगा।’
लता मंगेशकर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘महान संगीतकार और बहुत नेकदिल इंसान खय्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे। ये सुनकर मुझे इतना दुख हुआ है जो मैं बयां नहीं कर सकती। खय्याम साहब के साथ संगीत के एक युग का अंत हुआ है। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।’
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “संगीत के दिग्गज, एक मृदुभाषी आत्मा, जिन्होंने मेरी कई फिल्मों में महत्वपूर्ण योगदान दिया..अब नहीं रहे..ख्ययाम साहब..प्रर्थना और शोक..”
मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया, “ख्ययाम साहब एक नायाब संगीतकार थे जिन्होंने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने कई सदाबहार गीत हमें दिए हैं जो उन्हें हमेशा के लिए अमर बनाते हैं।”
सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने 28 जुलाई को मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक आज इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया।
आपको बता दें कि पंजाब के राहों गांव में पैदा होने वाले खय्याम ने संगीतकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी। उसी साल आई उनकी फिल्म ‘फिर सुबह होगी’ से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली। गौरतलब है कि खय्याम को हमेशा से ही एक चूजी किस्म का संगीतकार माना जाता रहा है। चार दशक के करियर में उनकी पहचान बेहद कम मगर उम्दा किस्म का संगीत देने वाले संगीतकार के रूप में बनी।
2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो, वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा गया। ‘फिर सुबह होगी’ के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी, उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी फिल्मों का शुमार है।