तमिलनाडु : IIT-Madras में छात्रा ने की आत्महत्या, परिजनों ने लगाया टीचर पर आरोप

नई दिल्ली (एजेंसी). कथित तौर पर आत्महत्या के एक मामले में आईआईटी मद्रास की फर्स्ट ईयर स्टूडेंट की मौत के तीन दिन बाद, उसके माता-पिता ने मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को एक याचिका सौंपी है. उन्होंने मामले की तमिलनाडु पुलिस की जांच में राज्य सरकार के हस्तक्षेप की मांग की. केरल के कोल्लम से आई एमए ह्यूमैनिटीज एंड डेवलपमेंट स्टडीज (इंटीग्रेटेड) की फर्स्ट ईयर की छात्रा फातिमा लतीफ शनिवार सुबह आईआईटी-मद्रास में अपने हॉस्टल के कमरे में लटकी पाई गई. उनके शिक्षकों ने फातिमा को एक शानदार छात्र और हर सब्जेक्ट में क्लास टॉपर बताया.

पुलिस ने अप्राकृतिक मौत (आत्महत्या) का मामला दर्ज किया है और कहा है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. जबकि उसके पिता अब्दुल लतीफ, जिन्होंने प्रधानमंत्री को भी न्याय के लिए याचिकाएं भेजी हैं, ने सेलफोन में कथित रूप से लिखे एक नोट का उल्लेख किया है और एक टीचर का नाम लिया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में लतीफ ने बताया कि “नोट में एक प्रोफेसर का नाम है और कहा गया है कि वो (टीचर) ‘मेरी मौत का कारण है.” फोन पुलिस की गिरफ्त में है. आईआईटी-मद्रास में ह्यूमैनिटीज विभाग के प्रमुख उमाकांत दाश ने कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों सहित पूर विभाग हैरान है कि उनकी मौत कैसे और क्यों हुई.

यह कहते हुए कि फातिमा ने कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहा या नहीं किया, जिसने आत्मघाती प्रवृत्ति को दर्शाया हो या किसी मनोवैज्ञानिक समस्या को प्रदर्शित किया हो. लतीफ ने कहा, इस मौत के पीछे एक रहस्य है. उसने हमें इस प्रोफेसर के बारे में पहले भी बताया था. हमारे पास यह भी जानकारी है कि वह हर रात लगभग 9 बजे मेस हॉल में नियमित रूप से रोते हुए बैठती थी. इसलिए हम मांग करते हैं कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करे.

प्राधिकारियों पर संदिग्ध गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ”फातिमा की मौत के बाद, उसके विभाग ने अगले 45 दिनों के लिए कक्षाएं निलंबित कर दी हैं. दिसंबर में अपनी मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी और छात्रों को घर पर वापस जाने के लिए कहा. हमें संदेह है कि यह सबूतों को मिटाने की साजिश है. उन्होंने कहा कि फातिमा ने पिछले आईआईटी प्रवेश परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक स्कोर किया था.

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