डिप्रेशन (Depression) : वर्तमान कोरोना काल में और आज की जीवन शैली में मानसिक तनाव होना सामान्य बात है लेकिन ये तनाव आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाए और आप हर समय तनाव में रहने लगें, तो ये अवसाद यानी डिप्रेशन (Depression) का रूप ले सकता है.
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डिप्रेशन (Depression) यानी अवसाद होने की मुख्य वजह मानसिक तनाव है. अब आप सोच रहे होंगे कि तनाव तो हर किसी की ज़िंदगी में होता है, तो क्या हर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है, तो ऐसा नहीं है.आज की लाइफस्टाइल में मानसिक तनाव होना सामान्य बात है लेकिन ये तनाव आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाए और आप हर समय तनाव में रहने लगें तो ये डिप्रेशन का रूप ज़रूर ले सकता है, जो काफी ख़तरनाक साबित हो सकता है. डिप्रेशन होने के शुरूआती दौर के लक्षणों को किस तरह से पहचाना जाये और इससे निजात पाने के लिए कौन से घरेलू तरीकों को अपनाया जाये, आइये यहां जानते हैं.
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क्या हो सकती हैं डिप्रेशन होने की वजह
डिप्रेशन (Depression) होने की कोई भी वजह हो सकती है जैसे अकेलापन, किसी का बिछड़ जाना, जॉब न मिलना या जॉब चली जाना, कोई एक्सीडेंट, ज़िंदगी में अचानक कोई बड़ा बदलाव होना, फाइनेंशियल प्रॉब्लम होना, कोई बीमारी होना और घर की स्थिति जैसी कई और वजह इसमें शामिल हैं.
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ये हो सकते हैं डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन (Depression) के दौरान व्यक्ति अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है. वो भीड़ वाली जगहों से बचता है. किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करता. ख़ुशी का माहौल होने पर भी उदासी महसूस करता है. कुछ न कुछ सोचता रहता है. उसका किसी काम को करने में मन नहीं लगता. कॉन्फिडेंस की कमी महसूस करता है. छोटी-छोटी बात पर चिंता करता है. कोई डिसीजन नहीं ले पाता. हर समय बुरा होने की आशंका से घिरा रहता है. छोटी-छोटी बात पर डर जाता है. ज्याद ग़ुस्सा करना, बिस्तर पर पड़े रहना और बहुत ज्यादा सोना भी इसके लक्षणों में शामिल है.
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इस प्रकार कोशिश कर सकते हैं डिप्रेशन से निकलने की
डिप्रेशन (Depression) होने की स्थिति में अकेले रहने से बचना चाहिए. दोस्तों, रिश्तेदारों और फेमिली मेंबर्स से मिलते रहना चाहिए और फोन पर बात करते रहना चाहिए. कभी शॉपिंग तो कभी पिकनिक का प्लान भी बनाना चाहिए. कॉमेडी फ़िल्में देखना चाहिए. ख़ुशी देने वाला म्युज़िक सुनना चाहिए. किसी न किसी काम में मन लगाना चाहिए. दुख देने वाली घटना या स्थिति को याद करने की बजाय ख़ुशी देने वाले पलों को याद करना चाहिए. पॉज़िटिव रहना चाहिए. योग, एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन में ध्यान लगाना चाहिए. मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाना चाहिए. जंक फ़ूड से दूरी बनाकर हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. सोशल एक्टिविटी में एक्टिव रहना चाहिए और अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए. स्मोकिंग और किसी तरह का नशा करने से बचना चाहिए.
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