मुंबई, (एजेंसी)| पूंजी बाजार की नियामक संस्था सेबी ने टेक्सटाइल दिग्गज रेमंड को प्रतिभूति बाजार के कई नियमों का उल्लंघन करने के लिए एक कारण बताओ नोटिस भेजा है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरोप लगाया है कि रेमंड पट्टे को लेकर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रही और कंपनी ने शेयरधारक पुनर्विकास मानदंडों का पालन नहीं किया है।
सेबी ने विशेष रूप से 2007-2017 के बीच कुछ प्रमोटरों को मुंबई में जेके हाउस के पट्टे से जुड़े लेन-देन का उल्लेख किया है।रेमंड ने 2003 में जेके हाउस में पश्मीना नामक एक संस्था को चार फ्लैट किराए पर दिए थे, जो बाद में रेमंड के प्रमोटर समूह में कुछ लोगों को पट्टे पर दिए गए, जिनमें गौतम सिंघानिया, वीना देवी सिंघानिया, अनंत सिंघानिया और अक्षत सिंघानिया शामिल हैं।
सेबी के कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि 2015-16 में, जब संपत्ति का पुनर्निर्माण किया जा रहा था, तब रेमंड ने वैकल्पिक आवास के रूप में, प्रमोटरों सहित सभी उप-किरायेदारों के किराए का भुगतान किया। सेबी के अनुसार, प्रवर्तक पश्मीना के साथ उप-पट्टे के लिए प्रति माह 7,500 रुपये का भुगतान कर रहे थे, वहीं रेमंड ने सिंघानिया के वैकल्पिक आवास के लिए प्रति माह 12 लाख रुपये का भुगतान किया।
सेबी के निर्णायक अधिकारी जीवन सोनपरोटे ने कारण बताओ नोटिस में कहा है, कंपनी ने लगभग 99 फीसदी छूट पर उप-किरायेदारों को वैकल्पिक आवास प्रदान किए हैं। उप-किरायेदारों और कंपनी द्वारा किराए में दी गई असमानता कंपनी के प्रवर्तकों को अनुचित आर्थिक लाभ का संकेत देती है।
सेबी की लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (एलओडीआर) के तहत, सभी संबंधित पार्टी लेन-देन को लेखा समिति की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होती है। रेमंड ने मंगलवार को कहा कि वह अपने कानूनी सलाहकारों के साथ इस मुद्दे के समाधान के लिए काम कर रही है।