बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में टिड्डी दलों के आक्रमण की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में टिड्डी दलों ने काफी नुकसान पहुंचाया है। कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख जी.पी. आयम तथा डॉ. एकता ताम्रकार कीट वैज्ञानिक ने मामले की गंभीरता से लेते हुए जिले में अलर्ट जारी किया गया है और किसानों को टिड्डी दलों के आक्रमण से सजग रहने के लिए कहा है। उन्होंंने किसानों से कहा है कि वे अपने खेतों की सतत निगरानी करें।
यह देखा गया है कि टिड्डियां रात्रि के समय झुण्ड में विचरण करती हैै तथा फसलों को नुकसान पहुंचाती है। एक दल में इनकी संख्या लाखों में होती है। अत: किसान भाई रात्रि के समय एक बर्तन में पानी $मिट्टी तेल डालकर रखें और सुबह देखें अगर उसमें टिड्डियां दिखाई दे रही हैं तो सुरक्षा हेतु आवश्यक उपाय अपनाएं।
कृषि विज्ञान केन्द्र ने किसानों को सलाह दी है कि टिड्डी दल के प्रकोप होने पर निम्नानुसार उपाय करें-किसान भाई समूह में परंपरागत उपाय जैसे ढोल, नगाड़े, टिपा, थाली आदि बनाकर शोर मचायें, आवाज सुनकर टिड्डे भाग जाते हैं। शाम के समय क्लोरपायरिफॉस 20 ई.सी. 200 मिली. या लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 400 मिली. या डाइफ्लूबेन्जूसन 25 डब्ल्यू पी. 240 ग्राम प्रति हेक्टे. 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।