जीएसटी में हज़ार करोड़ के फर्ज़ी बिलिंग का घोटाला, जांच के लिए एसआईटी का गठन

नई दिल्ली (एजेंसी)। जीएसटी में एक हजार करोड़ की फर्जी बिलिंग करने वाले 3 आरोपियों की निशानदेही पर आरोपी इनकम टैक्स वकील भी गिरफ्तार हो गया है। उससे पूछताछ में अभी तक 500 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का कबूलनामा हो गया है। आरोपी वकील को कोर्ट में पेश कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। साथ ही आरोपी राजेश को शनिवार को तीन दिन का पुलिस रिमांड पूरा होने पर कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीआइए-टू सहित एसपी द्वारा गठित एसआइटी मामले की गहनता से जांच कर रही है।

एसपी सुमित कुमार ने बताया कि पहले दिन पकड़े गए तीन आरोपी देशराज कॉलोनी निवासी मास्टरमाइंड राजेश मित्तल, इंद्रप्रताप सिंह और मनीष सहित गुरुवार को इनकम टैक्स वकील सतनारायण रोहिल्ला के अलावा जीएसटी फर्जीवाड़ा में राजेश का जीजा विपुल बिंदल शामिल हैं। फिलहाल विपुल की गिरफ्तारी के भरसक प्रयास चल रहे हैं।

आरोपियों ने 19 फर्जी फर्में बना रखी थी, जिनमें 17 पानीपत व 2 यूपी के लखनऊ की थी। 1 जुलाई 2017 से जनवरी 2018 तक ये फर्मे बनाई गई। इनके पास काम करने वाले करीब 20 वर्करों के कागजात पर पेन कार्ड बनवा कर ये फर्में बनाई गई हैं। ये लोग आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। अभी तक आरोपियों से 500 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का पता लग चुका है।

आरोपी राजेश पहले धागा फैक्ट्री में काम करता था। इसी दौरान ये आरोपी वकील के सम्पंर्क में आया। इसके बाद से इन्होंने योजना बनाई व फर्जी फर्म बना कर फर्जी बिलिंग शुरू की। आरोपियों द्वारा बनाई गई फर्मों के पहले दिन से अभी तक के बैंक अकाउंट की डिटेल निकाल रही है। इसमें शामिल पाए जाने वाले लोगों को गवाह बनाया जाएगा।

इनमें कोई भी ऐसा वर्कर मिलता है, जिन्हें पता था कि उन्हें रुपये इस काम के लिए दिए जा रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक जांच में ये अधिकांश मजदूर पानीपत के संलिप्त मिले हैं। साथ ही इसमें जीएसटी अधिकारी व कर्मचारी के लिप्त पाए जाने पर उसको भी गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इनका माल यूपी जाता था। जहां सरकार हैंडलूम कारोबार पर सब्सिडी देती थी। जिसका भी लाभ आरोपियों ने लिया। इस मामले में एसपी की ओर से एक एसआईटी गठित कर दी गई है, जिसका नेतृत्व डीएसपी विजेंद्र कर रहे हैं।

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