नई दिल्ली (एजेंसी)। घाटी में हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, साथ ही साथ कई राजनेताओं को नजरबंद भी कर दिया गया है। फोन बंद कर दिए गए हैं, धारा 144 लागू है ऐसे में घाटी पर हर किसी की नज़र है। जम्मू-कश्मीर में इस तरह के हालात करगिल के बाद पहली बार बन रहे हैं। करगिल के वक्त में भी लैंडलाइन बंद नहीं किए गए थे, लेकिन इस बार इनपर भी पाबंदी है।
- श्रीनगर और जम्मू में सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है। आम लोगों को बाहर ना निकलने के लिए कहा गया है। ऐसे में लोगों के ग्रुप में एक साथ बाहर निकलने पर भी रोक लग गई है।
- पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। पहले सिर्फ मोबाइल सेवा रोकी गई और उसके बाद में लैंडलाइन सर्विस भी रोक दी गई है। ऐसे में सुरक्षाबलों को अब सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति को संभाला जा सके।
- सिर्फ जम्मू में ही CRPF की 40 कंपनियों को तैनात किया गया है। इससे पहले कश्मीर में ही हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहले से ही तैनात किए जा चुके थे।
- जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। 5 अगस्त को यूनिवर्सिटियों में होने वाली परीक्षा को भी अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया है।
- घाटी से पर्यटकों को वापस अपने घर जाने के लिए कहा गया है। पिछले 24 घंटे में 6000 से अधिक यात्रियों ने कश्मीर छोड़ दिया है। सरकार के आदेश पर एयरलाइंस ने भी अपने किराये में बढ़ोतरी नहीं की है।
- देर रात को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को नजरबंद कर दिया गया। दोनों ही नेताओं ने रात को ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी, दोनों ही नेता लगातार ट्वीट कर अपील कर रहे थे कि सरकार को साफ करना चाहिए कि कश्मीर में क्या हो रहा है।
- सियासी हलचल के बीच ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देर रात को सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ी बैठक बुलाई थी। उन्होंने डीजीपी, मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से मिलकर राज्य का हाल जाना था।
- जम्मू-कश्मीर पर हलचल के बीच आज दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक है। कैबिनेट की बैठक अक्सर बुधवार को होती है लेकिन सियासी हलचल को देखते हुए प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली ये बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है।
- घाटी को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। इस बीच सरकार की ओर से लगातार लोगों को कहा जा रहा है कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें।
- सियासी हल्कों में हलचल तेज है कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए या फिर धारा 370 पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस बात पर किसी तरह का बयान नहीं आया है।