जम्मू-कश्मीर: ईद के मौके पर घर-घर पहुंचाया जा रहा राशन-एलपीजी

श्रीनगर (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद घाटी के माहौल पर सबकी नजरें हैं। अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद तनाव की स्थिति के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। जम्मू से जहां धारा-144 हटा ली गई वहीं, कश्मीर में कुछ जगहों पर ढील दी गई है।

आज बकरीद है और इसी को देखते हुए सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कई अहम कदम उठाए हैं। चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन की ओर से घरों पर एलपीजी और सब्जियां भेजी जा रही हैं। छुट्टी के दिन घाटी में बैंक और करीब 3557 राशन की दुकानें खुली रहेंगी।

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में ईद की नमाज के लिए ढील दी गई है। हालांकि धारा 144 नहीं हटाई गई है। कानून व्यवस्था के लिहाज से राजौरी बेहद संवेदनशील इलाका है। राजौरी के डीसी ने इस जानकारी की पुष्टि की है। राजौरी का इलाका जम्मू के सीमावर्ती इलाके में आता है।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, ‘रविवार को लोग खरीददारी के लिए घर से बाहर निकले। कुछ लोग श्रीनगर जाना चाहते हैं। हम ऐसे लोगों को श्रीनगर जाने की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। पाबंदी के बावजूद लोगों को छूट दी जा रही है। इस संबंध में पुलिस ने भी स्पष्ट किया है। मैं सभी को ईद की शुभकामनाएं देता हूं।’

धारा 144 लगने के सातवें दिन श्रीनगर की सड़कों पर रविवार को ट्रैफिक की सामान्य आवाजाही दिखी। बकरीद से एक दिन पहले बाजारों में रौनक नजर आई। कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने घाटी के अलग-अलग इलाकों का एरियल व्यू जारी किया।

रविवार को आजतक से बातचीत में श्रीनगर के डीसी शाहिद चौधरी ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं। बकरीद शांति से गुजरने की उम्मीद है। हालात की समीक्षा के बाद एक-दो दिन में लैंडलाइन खुल सकती है। वहीं, कठुआ के भागथली गांव की मस्जिद में जम्मू कश्मीर में अमन शांति के लिए दुआएं की गई। इस दौरान लोगों ने तिरंगा लहराया। हालांकि जम्मू के बॉर्डर इलाके में धारा 144 जारी है, फोन और इंटरनेट भी बंद हैं, लेकिन लोग पाबंदी हटाने की मांग कर रहे हैं।

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