छत्तीसगढ़ में निवेश का बेहतर वातावरण : भूपेश बघेल
रायपुर (अविरल समाचार) । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत (Charandas Mahant) और उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल ने यूनाइटेड नेशन (UN) के हेड क्वाटर का भ्रमण किया। एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर यूनाइटेड नेशन न्यूयॉर्क आनंद पांडेय ने इस अवसर पर उनका स्वागत करते हुए यूनाइटेड नेशन हेड क्वार्टर का भ्रमण करते हुए पूरी प्रकिया के संबंध में जानकारी प्रदान की। इसके तत्पश्चात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल परमानेंट मिशन ऑफ इंडिया टू द यूनाइटेड नेशन न्यूयॉर्क के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर भारत के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने उनका स्वागत किया तथा उनके साथ छत्तीसगढ़ में वर्तमान में चल रहे आर्थिक आद्योगिक गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ और राज्य सरकार के नवाचारों और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी । उन्होंने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजिटल टेक्नोलॉजी और नॉन कोर सेक्टर में निवेश हेतु उपस्थित निवेशकों को आमंत्रित किया। उपस्थित निवेशकों ने छत्तीसगढ़ के बारे में जानकर और यहां निवेश हेतु उचित वातावरण होने का स्वागत किया तथा निवेश के लिए अपनी रुचि भी व्यक्त की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण वर्ष 2000 में हुआ। उस समय छत्तीसगढ़ का बजट 6000 करोड़ का हुआ करता था। आज यह एक लाख करोड़ को पार कर गया है। लेकिन प्रति व्यक्ति आय को देखें तो बड़ा अंतर दिखता है। लगभग 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1955 में भिलाई स्टील प्लांट का निर्माण कराया। उसके बाद रायपुर, रायगढ़ सहित कई स्थानों में निजी क्षेत्र के स्टील प्लांट खुले। बालकों में सबसे पहले एल्युमिनीयम का प्लांट स्थापित हुआ। छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखंड तीन ऐसे राज्य हैं जहां लोहा, कोयला और बाक्साइट है। हमारे छत्तीसगढ़ में हीरा भी है लेकिन उसकी खुदाई अभी शुरू नहीं हुई है।
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बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधन पर्याप्त मात्रा में है। हमारे यहां कोर सेक्टर में बहुत से उद्योग हैं। यहां पहले साढे 4 हजार मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता था जो बढ़कर 22 हजार मेगावाट हो चुका है। यहां से गोवा, तेलंगाना, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट सहित अनेक राज्यों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। उन्होंनेे कहा कि हमारे यहां सीमेंट प्लांट बहुत हैं। कोर सेक्टर में हमारे यहां बड़े बड़े प्लांट लगे लेकिन इसके बाद भी यहां लोगों के जीवन स्तर में बड़ा अंतर दिखाई देता है। कोरबा जहां कोल ब्लाक भी है। यह जिला अकेले दस हजार मेगावाट विद्युत का उत्पादन करता है। यहां एल्युमिनियम प्लांट भी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 110 आकांक्षी जिले घोषित किए हैं उनमें दस जिले छत्तीसगढ़ में हैं। उनमें कोरबा भी शामिल है। वहां उद्योग भी है खनिज भी है उसके बाद भी आकांक्षी जिला है। यह हमारे लिए सोचनीय है और इसलिए हमने हमारी सरकार बनने के बाद व्यक्ति को इकाई माना और एक व्यक्ति का विकास कैसे हो सकता है। यह मान कर काम करना शुरू किया। बघेल ने राज्य की भौगोलिक, प्राकृतिक संसाधनों, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विशेषताओं की विस्तार से जानकारी देते हुए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
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