नगरीय निकाय चुनाव में हार के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा में उठ रहे सवाल
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) नगरीय निकायों चुनाव (Urban Body Election) के बाद भाजपा (BJP) में अंदरूनी लड़ाई तेज हो गई हैं. ये लड़ाई निचेल स्तर से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक हो रही हैं. कुछ भाजपा नेता दबी जुबान से तो कुछ खुले तौर पर सवाल खडा कर रहें हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने भी निकाय चुनाव में हार को लेकर आवाज बुलंद की हैं. वहीँ एक और बड़ी खबर बेमेतरा से हैं. यहां नगर पालिका में जिन पार्षदों ने 5 दिन पूर्व सामूहिक त्यागपत्र दिया था अब वे उससे मुकर गए हैं.
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उल्लेखनीय हैं कि नगरीय निकाय चुनाव में कुछ जगह भाजपा (BJP) बड़े दल के रूप में सामने आई थी. मगर पार्टी की अंदरूनी लड़ाई के चलते वहां भी कांग्रेस (Congress) ने अपने अध्यक्ष और महापौर बना लिए. इसमें से एक बेमेतरा (Bemetra) नगर पालिका भी हैं. जहां 21 सीटों में से 12 भाजपा के पास थी फिर भी अध्यक्ष कांग्रेस का बन गया. जिससे खफा होकर भाजपा के 10 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा कलेक्टर को दे दिया था.
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खबर हैं की अब इस्तीफा देने वाले भाजपा के 10 पार्षदों का मन बदल गया है. पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दी गई नोटिस पर सुनवाई के दौरान इस्तीफा नहीं देने की बात कही है. इन सभी ने 10 जनवरी को बाकायदा शपथ पत्र के साथ जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर अपने विवेक से इस्तीफा देने की बात कही थी. इसके लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. अब ठीक 5 दिन बाद इन्हीं पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए नोटिस में सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि वे इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं. इस बात को पहले की ही तरह बाकायदा शपथ पत्र के जरिए कही. पार्षद के शपथ पत्र पर निर्वाचन अधिकारी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.
नगरपालिका बेमेतरा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान भाजपा पार्षद द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा था
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