रायपुर (अविरल समाचार) : मंगलवार को दिन भर कई तरह की सौगातें प्रदेश की जनता को सरकार की तरफ से मिलीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक के बाद एक कई योजनाओं के तहत जनता को सुविधाएं देने वाले प्रोजेक्ट की शुरूआत की। सभी कार्यक्रमों में सीएम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए। सीएम ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ‘‘मोर बिजली एप’’ के नये फीचर्स का शुभारंभ किया।
इस एप को गूगल प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप के जरिए लोग घर बैठे 16 से अधिक प्रकार के विद्युत संबंधी कार्यों का निपटारा कभी भी किसी भी समय कर सकते हैं। इस एप में ‘‘आपातकालीन शिकायत’’ फीचर शामिल किया गया है। टूटे बिजली के तार या किसी घटना की फोटो खींचकर इस एप पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद इस लोकेशन पर मदद पहुंचा दी जाएगी। इसके अलावा मीटर, नाम परिवर्तन, शिफ्टिंग, नया कनेक्शन, टेरिफ परिवर्तन, बिल भुगतान, बिजली बिल हाफ योजना से प्राप्त छूट, वगैरह सभी काम इस एप पर हो जाएंगे।
सीएम ने अपने निवास कार्यालय से कम्प्यूटर पर बटन दबाकर गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 88 हजार 810 गौपालकों और गोबर विक्रेताओं को पांचवी किश्त के रूप में 8 करोड 56 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। यह रकम सभी के खाते में चली गई। अब तक गौपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को 29 करोड़ 28 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौठानों में तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट ‘गोधन वर्मी कम्पोस्ट‘ के नाम से लॉन्च किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के पैकेजिंग का कार्य हर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जाए। ये महिला स्व-सहायता समूह पैकेजिंग बैग में प्रिन्टिंग का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरगुजा जिले के 154 करोड़ 63 लाख रुपए की निर्माण और विकास कार्यों की सौगात दी। सरगुजा जिले में 41 प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहे हैं। जिसमें 126 करोड़ रुपए के लागत वाले कार्यों का शिलान्यास और 28 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत वाले कामों का लोकार्पण शामिल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने की। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंह देव भी ऑनलाइन शामिल हुए।
मंगलवार को सरकार की तरफ से खास जानकारी दी गई। इसके मुताबिक प्रदेश में अब तक 4 लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत और 46 हजार से अधिक सामुदायिक वनाधिकार पट्टे अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वनवासियों को दिए गए हैं। 51 लाख 6 हजार एकड़ से अधिक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकारों को स्थानीय समुदायों को बांटा गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति वन अधिकार पत्र धारक को औसतन 1 हेक्टेयर वनभूमि पर मान्यता दी गई है। सरकार का दावा है कि देश के किसी भी राज्य ये यह स्थिति बेहतर है। छत्तीसगढ़ राज्य में वितरित किए गए 4 लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों का रकबा 9 लाख 41 हजार 800 एकड़ से अधिक है।