छग : नवा रायपुर सेक्टर-24 में होगा मंत्रियों का आवास, सीएम बघेल ने किया भूमिपूजन

रायपुर (एजेंसी)। नवा रायपुर के सेक्टर-24 में राजभवन व मुख्यमंत्री आवास भवन बनाने का काम शुक्रवार को धनतेरस को शुरू हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधि-विधान के साथ कार्य की आधारशीला रखी। भूमिपूजन के दौरान पुरोहितों ने सभी देवी-देवताओं के जयकारे लगवाए, उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे लगवाए।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सन 2001 में नया रायपुर का शुभारंभ किया था. नया रायपुर ने बहुत विस्तार पाया। नया रायपुर में बहुत सारे भवन बन गए। बहुत सारी गतिविधि संचालित होने लगी. सड़क बने सब कुछ है, लेकिन फिर भी शहर नहीं बस पाया है। हजारों करोड़ रुपए यहां लग गए हैं, लेकिन सभी मंत्रियों को रायपुर शहर में रहना पड़ता है। उसकी वजह से रायपुर में ट्रैफिक जाम होता है। आवागमन में असुविधा होती है। नया रायपुर में हजारों करोड़ लगाने के बाद भी इस शहर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए हम सभी ने विचार-विमर्श किया कि यह शहर कैसे बसेगा, क्योंकि देश के कई राजधानी हैं जो नए बने हैं, लेकिन वह बस गए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने यहां पर राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, स्पीकर हाउस बनाने का निर्णय लिया। यहां मंत्री रहेंगे, अधिकारी रहेंगे, कर्मचारी रहे और एक शहर के अनुरूप नया रायपुर का विकास होगा। इसलिए निर्णय लिया और आज धनतेरस के पावन अवसर पर सरकारी निवासियों का भूमि पूजन कर रहे हैं। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

सेक्टर – 24 में राजभवन व सीएम हाउस के साथ ही मंत्रियों व अफसरों का बंगला भी बनेगा। इस तरह से कुल 164 आवास बनाए जाएंगे। निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है। पीडब्ल्यूडी ने इस कार्य के लिए टेंडर फाइनल कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी पुणे की कंपनी को दी गई है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

टेंडर के मुताबिक, राजभवन का पूरा कैंपस 14 एकड़ में फैला होगा, जहां दरबार हॉल के साथ सेक्रेटेरियट बिल्डिंग के साथ स्टाफ क्वार्टर भी कैंपस में ही होगा। सीएम हाऊस 8 एकड़ बनेगा। यहां छह बेडरूम, फैमिली व लिविंग रूम के अलावा प्राइवेट थियेटर, हेल्थ सेंटर और बड़ी लाइब्रेरी भी होगी। मंत्रियों व अफसरों के बंगले डेढ़-डेढ़ एकड़ में फैले रहेंगे।

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