नई दिल्ली(एजेंसी): सोना शिखर से अब तेजी से नीचे आ रहा है. पिछले डेढ़ महीने के दौरान इसकी कीमतों में दस फीसद की गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें ऊंची बनी हुई है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी दुनिया की आर्थिक गतिविधियों को जो झटका लगा है उसमें राहत महसूस नहीं हो रही है. ग्लोबल अर्थव्यवस्था की यह अस्थिरता ही गोल्ड की कीमतों को ज्यादा गिरने नहीं देगी. इसलिए इस वक्त गिरे हुए दाम में गोल्ड में निवेश का अच्छा मौका हो सकता है.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव, कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी और लॉकडाउन के बरकरार रहने से अगले कुछ महीनों के दौरान सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. दरअसल अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल बेहतर न होने की स्थिति में गोल्ड में नरमी के संकेत नहीं मिल रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इस साल की समाप्ति तक गोल्ड ईटीएफ की मांग फिर से बढ़ने की संभावना दिख रही है. हालांकि ज्वैलरी की मांग बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है. इसमें 40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है.
सोने की कीमतें गिरावट से उबरेंगी, लेकिन उन्हें फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के लिए इस साल जूझना पड़ सकता है. इसलिए यह बीच का समय गोल्ड खरीदने के लिए मुफीद है, जब दाम गिरे हुए हैं. है. खरीदारों के पास नया सोना खरीदने के लिए कैश नहीं है. इसलिए गोल्ड के दाम में अभी थोड़ी नरमी है. बाजार में कारोबारी सोना आयातित लागत से 500 रुपये प्रति 10 ग्राम कम पर बेच रहे हैं. बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि पुराना सोना अब भी कम कीमतों पर बेचा जा रहा है.