नई दिल्ली (एजेंसी)। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बाद अब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर और पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण को बीसीसीआई लोकपाल ने हितों के टकराव मामले में नोटिस थमाया है। बीसीसीआई के लोकपाल और नैतिक अधिकारी डीके जैन ने सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को बुधवार को नोटिस भेजा है। डीके जैन ने इन दो दिग्गजों को ये नोटिस आइपीएल फ्रेंचाइजी के मेंटर होने के साथ-साथ क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य होने के कारण कथित हितों के टकराव मामले में भेजा है।
सचिन तेंदुलकर मौजूदा समय में मुंबई इंडियंस के मेंटर और लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद में मेंटर हैं। इसके साथ-साथ ये दोनों दिग्गज क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के भी मेंबर हैं। बता दें कि हितों के टकराव (Conflict of Interest) के आरोप का ये लगातार तीसरा मामला है। सचिन-लक्ष्मण से पहले सौरव गांगुली को बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य और दिल्ली कैपिटल्स के एडवाइजर के रूप में भूमिका निभाने के लिए जस्टिस (रिटायर्ड) डीके जैन के समक्ष सुनवाई के लिए पेश होना पड़ा था। गौरतलब है कि इन्हीं तीनों ने सीएसी की सदस्य रहते जुलाई 2017 में रवि शास्त्री को टीम इंडिया का कोच चुना था। ये सीएसी की अंतिम बैठक थी।
बीसीसीआई लोकपाल जस्टिस डीके जैन ने इस नोटिस में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण से 28 अप्रैल तक खुद पर लगे आरोपों का लिखित जवाब देने को कहा है। इस मामले में डीके जैन ने बीसीसीआई से भी जवाब मांगा है। सचिन और लक्ष्मण के खिलाफ ये शिकायत मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता ने दायर की है। हालांकि, बीसीसीआई के सूत्रों ने ये बताया है कि सचिन तेंदुलकर का मुंबई इंडियंस के साथ कोई सौदा नहीं है। वे बिना पैसे के अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीसीसीआई लोकपाल ने सचिन और लक्ष्मण को ये भी कहा है कि जवाब देने में असफल होने के बाद उन्हें अपने विचार रखने का और कोई मौका नहीं दिया जाएगा।