मुंबई (एजेंसी). इंडेक्स फंड की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ता जा रहा है. अगर आपके पोर्टफोलियो में म्युचूअल फंड के इंडेक्स फंड नहीं हैं तो यह वक्त है, जब आप इन्हें शामिल कर सकते हैं. आखिर इंडेक्स फंड क्या हैं और वे निवेशकों के लिए कितने फायदेमंद है, इनकी जानकारी जरूरी है. इस वक्त लार्ज, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड, तीनों का रिटर्न खराब है. ऐसे में जो म्यूचुअल फंड निवेशक कम जोखिम में अच्छा रिटर्न चाहते हैं वे इंडेक्स फंड की ओर रुख कर सकते हैं.
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इंडेक्स फंड को इडेक्स टाइड या इंडेक्स ट्रैक्ड म्यूचुअल फंड भी कहते हैं. ये फंड शेयर बाजार के इंडेक्स जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी रेश्यो के हिसाब से उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसलिए इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर होता है तो फंड का रिटर्न भी अच्छा होता है. इंडेक्स फंड के प्रबंधन का खर्च भी कम होता है. इसका कुल एक्सपेंश रेश्यो काफी कम होता है. सक्रिय रूप से मैनेज किए जाने वाले फंडों की तुलना में इंडेक्स फंड के प्रबंध में कम खर्च होता है.
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इंडेक्स फंड का फायदा यह है कि यह निवेशकों के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने में मदद करता है. इससे निवेश का जोखिम कम हो जाता है. अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में अच्छे रिटर्न से संतुलन आ जाता है. इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग की गलतियां काफी कम हो जाती है. इससे रिटर्न का ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न के लिए निवेशक इंडेक्स फंड का विकल्प आजमाते हैं.जो म्यूचुअल फंड निवेशक कम से कम जोखिम के साथ वाजिब रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट मानते हैं कि इंडेक्स फंड में निवेश कम से कम तीन साल के नजरिये से करना चाहिए.
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