क्या भारत को चीन के साथ खत्म कर देने चाहिए सारे व्यापारिक संबंध? जानें- क्या कहता है

नई दिल्ली(एजेंसी): गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं. चीन के भी कई जवान हताहत हुए है लेकिन चीन आंकड़े जारी नहीं कर रहा है. चीन के इस रवैये के बाद देश में रोष का माहौल है. देश में अब चीन के सामानों का बहिष्कार करने की बात जोर पकड़ने लगी है. इस माहौल में एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर के साथ सर्वे किया और लोगों से ये जानना चाहा कि क्या ऐसे माहौल में भारत को चीन के साथ व्यापार संबंध जारी रखने चाहिए?

इस सर्वे में देश के 93.40 फीसदी लोगों ने कहा कि भारत को चीन के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंध खत्म कर देने चाहिए और सभी तरह के व्यापारिक समझौते रद्द कर देने चाहिए. वहीं 6.6 फीसदी लोगों का मानना है कि सीमा पर चीन के साथ तनाव के बावजूद व्यापारिक रिश्ते जारी रहने चाहिए.

सर्वे में महिलाओं-पुरुषों, हर उम्र के लोगों, छात्रों, आय वर्ग के लोगों, सोशल ग्रुप्स और क्षेत्रों के लोगों से बात की गई.

89.7 फीसदी पुरुषों ने कहा कि चीन के साथ व्यापारिक संबंध खत्म कर देने चाहिए तो 10.3 फीसदी पुरुषों ने इसे जारी रखने की बात कही. वहीं 97.5 फीसदी महिलाओं ने इस बात के पक्ष में अपना मत रखा कि भारत को चीन के साथ व्यापार खत्म कर देना चाहिए. वहीं, 2.5 फीसदी महिलाओं का माना है कि चीन के साथ व्यापार जारी ऱखना चाहिए.

इसके अलावा 25 साल से कम उम्र के 98.7 फीसदी युवाओं का मानना है कि चीन के साथ व्यापार खत्म कर देना चाहिए. वहीं 25 से 45 के उम्र के 98.1 फीसदी लोगों ने भी व्यापार खत्म की वकालत की. इसके अलावा 45 से 60 साल के उम्र के 69.8 फीसदी लोगों ने कहा कि अब चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते बंद कर देने चाहिए. वहीं 60 साल से ऊपर की आयु वाले 98.6 फीसदी लोगों ने भी कहा कि चीन के साथ व्यापार बंद करने का समय आया गया है.

सर्वे में इसके अलावा 25 साल से कम उम्र के 1.3 फीसदी, 25 से 45 के उम्र के 1.9 फीसदी, 45 से 60 साल के उम्र के 30.2 फीसदी और 60 साल से ऊपर की आयु वाले 1.4 फीसदी लोगों ने कहा कि इसे जारी रखना चाहिए.

लोअर एजुकेशन वाले 98.5, मिडिल एजुकेशन वाले 96.6 और हायर एजुकेशन वाले 63.4 फीसदी लोगों ने कहा कि चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म कर देने चाहिए. वहीं लोअर एजुकेशन वाले 1.5 फीसदी, मिडिल एजुकेशन वाले 3.4 फीसदी और हायर एजुकेशन वाले 36.6 फीसदी लोगों ने कहा कि चीन के साथ व्यापारिक जारी रहने चाहिए.

लोअर इनकम ग्रुप वाले 98.8, मिडिल इनकम ग्रुप वाले 97.0 और हायर इनकम ग्रुप वाले 66.9 फीसदी लोगों ने चीन के साथ व्यापार खत्म करने का समर्थन किया. वहीं लोअर इनकम ग्रुप वाले 1.2 फीसदी , मिडिल इनकम ग्रुप वाले 3.0 और हायर इनकम ग्रुप वाले 33.1 फीसदी लोगों ने कहा कि चीन के साथ व्यापार जारी रखना चाहिए.

एससी समुदाय के 97.1, एसटी समुदाय के 97.0, ओबीसी के 97.8 और 79.8 फीसदी सवर्ण समुदाय के लोगों ने चीने के साथ व्यापार खत्म करने के पक्ष में अपना मत दिया. इसके अलावा 96.7 फीसदी मुसलमानों, 94.7 फीसदी इसाइयों और 98 फीसदी सिख समुदाय के लोगों ने व्यापारिक रिश्ते खत्म करन की बात कही. वहीं अन्य समुदायों के 97 फीसदी लोगों ने कहा कि व्यापार खत्म होना चाहिए.

वहीं सर्वे में एससी समुदाय के 2.9, एसटी समुदाय के 3.o, ओबीसी के 2.2 और 20.2 फीसदी सवर्ण समुदाय के लोगों ने चीने के साथ व्यापार जारी रखने के पक्ष में मत दिया. इसके अलावा 3.3 फीसदी मुसलमानों, 5.3 फीसदी इसाइयों और 2 फीसदी सिख समुदाय के लोगों ने व्यापारिक रिश्ते जारी रखने की बात कही.

सर्वे में 82.7 फीसदी शहरी लोगों ने कहा कि चीन के साथ व्यापार बंद होना चाहिए. इसके अलावा सेमी-अर्बन के 99.0 फीसदी और ग्रामीण इलाके के 97.5 फीसदी लोगों ने व्यापार खत्म करने की बात कही.

वहीं, 17.3 फीसदी शहरी लोगों ने कहा कि चीन के साथ व्यापार जारी रहना चाहिए. इसके अलावा सेमी-अर्बन के 1 फीसदी और ग्रामीण इलाके के 2.5 फीसदी लोगों ने व्यापारिक संबंध बरकरार रखने की बात कही.

बिहार के 93.6, छत्तीसगढ़ के 98, दिल्ली के 99.6, गुजरात के 97.4, हरियाणा के 98, हिमाचल प्रदेश के 95.1, जम्मू-कश्मीर के 89.7, झारखंड के 99.4, मध्य प्रदेश के 97.5, महाराष्ट्र के 95.7, पंजाब के 94.5, राजस्थान के 98.1, उत्तर प्रदेश के 96 और उत्तराखंड के 98.1 फीसदी लोगों ने सर्वे में कहा कि भारत को चीन के व्यापार खत्म कर देना चाहिए.

वहीं बिहार के 6.4, छत्तीसगढ़ के 2, दिल्ली के 0.4, गुजरात के 2.6 , हरियाणा के 2, हिमाचल प्रदेश के 4.9, जम्मू-कश्मीर के 10.3, झारखंड के 0.6, मध्य प्रदेश के 2.5, महाराष्ट्र के 4.3, पंजाब के 5.5, राजस्थान के 1.9, उत्तर प्रदेश के 4.0 और उत्तराखंड के 1.9 फीसदी लोगों ने सर्वे में कहा कि भारत को चीन के व्यापार जारी रखना चाहिए.

विपक्ष के 88.3 फीसदी समर्थकों ने कहा कि चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म होने चाहिए. वहीं बीजेपी और एनडीए के 97.9 फीसदी समर्थकों ने कहा कि व्यापारिक संबंध बंद कर देने चाहिए.

वहीं सर्वे में विपक्ष के 11.7 फीसदी समर्थकों ने कहा कि चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते जारी रहने चाहिए. वहीं बीजेपी और एनडीए के 2.1 फीसदी समर्थकों ने कहा कि सीमा पर तनाव के बावजूद भी व्यापारिक संबंध बंद नहीं होना चाहिए.

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