कौन थी रामायण में मंथरा का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस, जिसने पर्दे पर क्रूरता के रिकॉर्ड तोड़ दिए

नई दिल्ली(एजेंसी): कहते हैं मंथरा अगर केकैयी को ना भड़काती तो शायद श्रीराम को वनवास ना जाना पड़ता और फिर वो रावण का वध नहीं करते. अब ऐसा कहा जाता है लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. जानते हैं रामायण में मंथरा का किरदार निभाने वाली महिला के बारे में.

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ललिता पवार बॉलीवुड की बहुत मशहूर वैंप रही हैं. उनका जन्म नासिक में हुआ और उनके जन्म की कहानी भी बहुत दिलचस्प है. बताया जाता है कि उनकी गर्भवती मां मंदिर में दर्शन के लिए गईं थीं. उसी दौरान ललिता का जन्म हो गया. अब जन्म मंदिर में हुआ तो उनका नाम देवी के नाम पर रख दिया गया अंबिका. जी हां, ललिता पवार का असली नाम अंबिका पवार था. ललिता के पिता बहुत बड़े बिजनेसमैन थे लेकिन ललिता भी कुछ करना चाहती थीं. 9 साल की उम्र से ही ललिता ने फिल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. पहली फिल्म थी राजा हरीश चंद्र. शुरू में मूक फिल्मों में काम किया करती थीं जिनमें डायलॉग्स नहीं होते थे. उस वक्त उन्हें 18 रुपए महीना मिलते थे. ललिता पवार की पहली डायलॉग फिल्म थी हिम्मत-ए-मर्दां. 1935 में आई इस फिल्म में ललिता पवार ने बिकनी सीन दिया था. जिससे उस वक्त हंगामा मच गया. उस दौर में ललिता पवार ने बिकनी पहनकर पर्दे पर अपने जलवे दिखाए. फिल्मों में आने के बाद ही उनका नाम भी बदलकर अंबिका पवार से ललिता पवार हो गया. ललिता शुरू में हीरोइन बनना चाहती थीं लेकिन उनके साथ एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदलकर रख दी.

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ललिता 1942 में जंग-ए-आजादी नाम की फिल्म की शूटिंग कर रही थी. इस फिल्म के एक सीन में एक्टर भगवान दादा को उन्हें थप्पड़ मारना था. भगवान दादा ने ललिता पवार को इतनी जोर का थप्पड़ मारा कि उन्हें काफी चोट लग गई. ललिता पवार को डॉक्टर के पास ले जाया गया. डॉक्टर ने उन्हें एक गलत दवा दे दी जिसके चलते उनके चेहरे के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया. फिर इस हादसे में उनकी दाईं आंख की रोशन भी चली गई. इस घटना के बाद ललिता को हीरोइन के रोल मिलने बंद हो गए. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बजाय घर बैठने के ललिता पवार ने एक अलग राह चुनी. ललिता पवार ने वैंप के रोल करने शुरू किए. वैंप के रूप में उन्होंने ऐसी भूमिका निभाई कि जब कभी वैंप का नाम लिया जाता तो चेहरा सामने ललिता पवार का ही आता. पर्दे पर ललिता एक ऐसी सास बनीं जिससे क्रूर सास कोई और हो ही नहीं सकती थी. रामायण में शायद उन्हें इसी वजह से मंथरा का रोल ऑफर किया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया.

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