पटना: कोरोना महामारी के बीच गुरुवार की कोविड डेडिकेटेड अस्पताल पटना AIIMS के नर्सिंग स्टाफ 6 सूत्री मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए. जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. 300 से 400 के आसपास नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर AIIMS परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे स्टाफ का कहना है, “हम कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर बेदी एंड बेदी से स्टाफ नर्स नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पिछले कई सालों से AIIMS में कार्यरत हैं. AIIMS की शुरुआत जब हुई तब से लेकर आज तक, हम सभी कॉन्ट्रैक्ट नर्सिंग ऑफिसर AIIMS के सहयोग में भागीदार हैं. ऐसे में हमारी अपील है कि हमें AIIMS परिवार की सदस्य की तरह समझा जाए और हम सभी की मांग के बारे में सोचा जाए.”
समान काम समान वेतन की केंद्र सरकार के नियम-नीतियों को देखते हुए हमारी सैलरी को भी बढ़ाया जाए.
AIIMS के सदस्य और हमारी ड्यूटीज को देखते हुए हमारी भी छुट्टियां बढ़ाई जाएं.
प्रबंधन से हमारी अपील है कि अभी कोरोना काल चल रहा है और इस काल में कॉन्ट्रैक्ट नर्सिंग ऑफिसर का बहुत बड़ा योगदान रहा है, ऐसे में हमारा कोई भी कांटेक्ट साथी अगर बीमार होता है और भविष्य में भी उसको स्वास्थ्य के संबंधित कोई भी तकलीफ होती है, तो उनको भी परमानेंट स्टाफ की तरह मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए और हमारे परिवार का भी हेल्थ कार्ड बनाया जाए.
आने वाले कोई भी परमानेंट भर्ती में हम कांटेक्ट स्टाफ जो कि एम्स पटना के सदस्य हैं और यहां पर कॉन्ट्रैक्ट में भी स्किल टेस्ट और एग्जाम के माध्यम से सलेक्ट हुए हैं, उनको परमानेंट बहाली में भी वरीयता और प्राथमिकता दी जाए.
स्टाफ की मांग है कि उनका कोई भी साथी अगर AIIMS छोड़कर जाता है तो उसको AIIMS के लेटर पैड पर कार्य करने का अनुभव (Experience letter) AIIMS प्रबंधन की ओर से दिया जाए.
स्टाफ का कहना है कि हम सभी अभ्यर्थी पिछले कई सालों से सम्मान कार्य कर रहे हैं तो हमें भी AIIMS थर्ड पार्टी से हटाकर AIIMS के अधीन लिया जाए और हमें जॉब सिक्योरिटी दी जाए.
स्टाफ का कहना है कि हम सभी को थर्ड पार्टी के कॉन्ट्रैक्ट से AIIMS के कॉन्ट्रैक्ट में लें और भविष्य में हमें AIIMS पटना में लगातार सेवा प्रदान करने का मौका मिले. नर्सिंग स्टाफ की अपील है कि हमारी मानसिक परिस्थिति को देखते हुए, अस्पताल प्रबंधन हमारी मांगों को और निवेदन पर गौर करें और हमारे पक्ष में निर्णय लें क्योंकि हम सभी मानसिक रूप से बहुत परेशान है. अगर ऐसा नहीं होता है तो AIIMS के सारे कॉन्ट्रैक्ट नर्सिंग स्टाफ एक साथ काम बहिष्कार करेंगे, जिसका दोषी AIIMS प्रशासन रहेगा.