नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना काल में विमान यात्राओं पर प्रतिबंध के बीच सरकार ने घरेलू एयरलाइंस के लिए राहत भरा ऐलान किया है. अब घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को 60 फीसदी तक घरेलू रूट्स पर फ्लाइट्स शुरू करने की इजाजत दे दी गई है. दरअसल इससे एयरलाइंस कंपनियों की गड़बड़ा रही वित्तीय स्थिति के संभालने में मदद मिलेगी. कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से यात्राओं पर रोक का इन कंपनियों पर काफी बुरा असर पड़ा है. सभी एयरलाइंस कंपनियां भारी घाटे में चल रही हैं.
इसके पहले 26 जून को सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 45 फीसदी फ्लाइट्स शुरू की करने की अनुमति दी थी. 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद लगभग दो महीनों तक घरेलू उड़ानों पर पाबंदी थी.सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू करने की अनुमति दी थी. हालांकि उस दौरा सिर्फ 33 फीसदी घरेलू उड़ानों को ही ऑपरेट करने की इजाजत दी गई थी.
बहरहाल, बुधवार को मंत्रालय ने 26 जून के अपने पिछले आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि 45 फीसदी की जगह 60 फीसदी फ्लाइट्स शुरु करने की अनुमति दे दी गई है. 25 मई से देश में घरेलू उड़ानें फिर से शुरू होने के बाद औसत ऑक्यूपेंसी रेट सिर्फ 50-60 फीसदी है. कोरोना के चलते 23 मार्च से ही अंतरराष्ट्रीय हालांकि वंदे भारत मिशन के तहत मई से स्पेशल इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हैं. इसके साथ द्विपक्षीय एयर बबल के तहत भी फ्लाइट्स ऑपरेट की जा रही है.
इससे पहले सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने घरेलू उड़ानों के दौरान विमान में प्री-पैक्ड, स्नैक्स, खाना और बेवरेज परोसने की इजाजत दे दी थी. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तैयार गर्म खाना भी मुहैया कराने की इजाजत मिल चुकी है. इसके साथ ही मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. अगर कोई यात्री मास्क पहनने से इनकार करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आदेश में कहा गया है कि पहले से पैक किए गए स्नैक्स, मील्स और वेबरेज उड़ानों में दिए जा सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में तैयार गर्म खाना दिया जा सकता है. मंत्रालय ने कहा है कि प्री पैक्ड खाने के लिए सिंगल यूज ट्रे, प्लेट और कटलरी का ही इस्तेमाल हो.