केरल :केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें अल्कोहल विदड्रावल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के लिए शराब की बिक्री करने की मंजूरी दी गई थी। इन लोगों के सिंड्रोम से पीड़ित होने का प्रमाणपत्र दिखाने के बाद उन्हें शराब दिए जाने की इजाजत दी थी। अदालत ने फैसले पर तीन हफ्तों के लिए रोक लगाई है। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से राज्य में शराब की बिक्री बंद है।
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अदालत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, केरल सरकार मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और कांग्रेस नेता टीएन प्रथपन की याचिका पर आदेश पारित किया। जिसमें तर्क दिया गया कि विदड्रावल के लक्षणों का सामना करने वाले लोगों को शराब का सेवन करने देना चिकित्सा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
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हालांकि केरल सरकार के वकील केवी सोहन ने दलील दी की अल्कोहल विदड्रावल लक्षणों का सामना करने वाले लोगों को शराब की नियंत्रित मात्रा देना एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति है। पीठ ने सोहन से कहा कि उनके दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है और सरकार का फैसला परेशान करने वाला है।
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जस्टिस एके जयशंकर नांबियार ने कहा, ‘चिकित्सा साहित्य में कोई भी दस्तावेज अल्कोहल विदड्रावल के लक्षणों वाले व्यक्ति को शराब के ऐसे किसी नुस्खे का समर्थन नहीं करता है। हमें इस बात की चिंता है कि राज्य सरकार ने विदड्रावल के लक्षणों वाले लोगों को शराब देने के लिए एकतरफा निर्णय लिया है।
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