कर्नाटक की सियासत बचाने मुंबई पहुंचे मंत्री शिवकुमार, पुलिस ने होटल में प्रवेश करने से रोका

मुंबई (एजेंसी)। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन की सरकार बचाने के लिए सियासी दांव-पेंच की कवायद लगातार जारी है। इसी कवायद में कांग्रेस और जेडी(एस) दोनों ही दल लगे हुए हैं। आज सुबह अपने बागी विधायकों को बचाने के लिए कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार और जेडी(एस) के विधायक शिवलिंगे गौड़ा मुंबई के एक होटल पहुंचे हैं। मंत्री डीके शिवकुमार और जेडीएस के विधायक शिवलिंग गौड़ा बागी विधायकों को मनाने मुंबई के होटल पहुंचे जहां पुलिस ने उन्‍हें रोक दिया है। जिसको कांग्रेस और जेडीएस के नेता गलत बता रहे हैं।

कांग्रेस के 10, जेडीएस के 3 विधायक इस्तीफा देकर मुंबई के एक होटल में रुके हुए हैं। एचडी कुमारस्वामी की सरकार को संकट से उबारने के लिए कांग्रेस के डीके शिवकुमार उसी होटल में पहुंचे। जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

डीके शिवकुमार ने पुलिस द्वारा होटल के गेट पर रोके जाने के बाद कहा कि मैंने यहां एक कमरा बुक किया है। मेरे मित्र यहां रुके हुए हैं। एक छोटी सी समस्या है और हमें इस पर बातचीत करनी है। हम तुरंत अलग नहीं हो सकते हैं। वैसे भी धमकी देने का कोई सवाल नहीं है, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और सम्मान करते हैं। इससे पहले जेडीएस नेता नारायण गौड़ा के समर्थकों ने ‘गो बैक, गो बैक’ के नारे लगाए। होटल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

बागी विधायकों ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा है कि हमने सुना है कि सीएम और डीके शिवकुमार होटल में आ रहे हैं, हमें खतरा महसूस हो रहा है। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफों पर पेच फंस गया है। विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा है कि 13 विधायकों में से आठ विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप के मुताबिक नहीं हैं। उन्होंने इन विधायकों से दोबारा इस्तीफे सौंपने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि ये 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और एचडी कुमारस्वामी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इन 13 के अलावा निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसी कारण कर्नाटक की सरकार पर संकट बना हुआ है। आपको बता दें कि इन सभी विधायकों के इस्तीफे पर भी विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कोई फैसला नहीं लिया है। स्पीकर ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में बताया है कि ये इस्तीफे नियमानुसार नहीं दिए गए हैं। विधायकों को उनसे मिलने आना होगा तभी इस्तीफे मंजूर किए जाएंगे।

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