नई दिल्ली(एजेंसी): सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अपने ग्राहकों के लिए नई सुविधाएं दे रहा है. बैंक ने अब लोन री-स्ट्रक्चरिंग के लिए पोर्टल लॉन्च किया है. इस वेबसाइट पर लोन री-स्ट्रक्चरिंग से संबंधित सभी जानकारी मुहैया कराई जाएगी. इसके जरिये लोन री-स्ट्रक्चरिंग के लिए अप्लाई भी किया जा सकेगा. इसमें अप्लाई करने के एक महीने के बाद ग्राहक बैंक जाकर कागजी कार्यवाही पूरी कर सकता है. बैंक कागजात देखने के बाद लोन री-स्ट्रक्चरिंग का फैसला लेगा.
दरअसल आरबीआई की से कोरोना संक्रमित से आर्थिक प्रभावित लोगों के लिए री-स्ट्रक्चरिंग का फैसला लिया था. इसी के तहत बैंकों ने अपने लोन ग्राहकों को री-स्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन दिया है. इससे पहले बैंक ने अपने लोन ग्राहकों के लिए दो साल के मोरेटोरियम का ऐलान किया था. एसबीआई के कस्टमर एसबीआई की साइट पर जाकर लोन री-स्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं.
एसबीआई ने लोन मोरेटोरियम की योजना आरबीआई की वन-टाइम रिलीफ योजना के तहत पेश की है. बैंक की यह सुविधा उन्हीं लोन ग्राहकों को मिलेगी, जिन्होंने 1 मार्च 2020 से पहले लोन लिया हुआ है और जो कोविड से पहले तक लगातार ईएमआई दे रहे थे. हालांकि इस सुविधा का फायदा उठाने वालों को बैंक के सामने यह साबित करना होगा कि उनकी कमाई लॉकडाउन से प्रभावित हुई है.
स्टेट बैंक के एमडी सीएस शेट्टी ने अपने बैंक की ओर से लोन री-स्ट्रक्चरिंग के ऑप्शन के बारे में कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोरोना से प्रभावित शख्स की आय कब से शुरू होगी या फिर वह कब तक दोबारा नौकरी में आ सकता है. एसबीआई की इस राहत के बाद दूसरे सार्वजनिक बैंक भी इस तरह की राहत दे सकते हैं. निजी बैंकों की ओर से राहत स्कीम लाई जा सकती है. खबर है कि सबसे पहले आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक इस तरह की राहत योजना ला सकते हैं.