नई दिल्ली (एजेंसी)। आर्थिक समस्या से जूझ रहे जेट एयरवेज ने एतिहाद से 750 करोड़ रुपए की मदद मांगी है। जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने एतिहाद को लिखे पत्र में भारी नकदी संकट का सामना करने का हवाला देते हुए कहा है कि कंपनी की हालत बहुत अनिश्चित है। यदि मदद नहीं की गई तो जेट एयरवेज बंद हो जाएगी। बता दें कि विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने के चलते जेट ने अपने 50 से ज्यादा विमानों को खड़ा करना पड़ा है।
मिली जानकारी के अनुसार चेयरमैन नरेश ने अंतरिम तौर पर कोष जुटाने के लिए जेट प्रिवलेज में अपने शेयरों को गिरवी रखने के लिए विमानन मंत्रालय से मंजूरी भी ले ली है। इस लॉयल्टी कार्यक्रम में जेट की हिस्सेदारी 49.9 प्रतिशत है, जबकि बहुलांश हिस्सेदारी एतिहाद की है। एतिहाद के पास जेट में अप्रैल 2014 से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
जेट एयरवेज के इस पत्र के समाधान के लिए एतिहाद समूह अबू धाबी में सोमवार को अपने निदेशक मंडल की बैठक में विचार विमर्श करेगी। गोयल ने आठ मार्च को लिखे पत्र में कहा, ”अगले हफ्ते की शुरुआत में तत्काल 750 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश से इस एयरलाइन को बचाने के लिए मैं आपके समर्थन की उम्मीद करता हूं।”
इससे पहले 14 फरवरी को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कंपनी पर कर्ज का पुनर्गठन करने की योजना को हरी झंडी दे दी थी। इसके बाद कंपनी को कर्ज देने वाले बैंक सबसे बड़े हिस्सेदार बन जाएंगे क्योंकि कंपनी को दिए गए कर्ज को एक रुपये के न्यूनतम मूल्य पर शेयर में परिवर्तित कर दिया जाएगा। शेयरधारकों ने भी इस पुनर्गठन योजना को 21 फरवरी को मंजूर कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह अंतरिम मदद नहीं की गई तो यह एयरलाइन के भविष्य के लिए बेहतर नहीं होगा और कंपनी बंद हो जाएगी।