उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने उद्योगों को दी कानून का उल्लंघन न करने की चेतावनी

नई दिल्ली (एजेंसी)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को उद्योग जगत को कानूनों की भावना का उल्लंघन करने से बचने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि देश के धन को विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने जैसी हरकतों को बहुत गंभीरता से लेती है। सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के सदस्यों से बातचीत के दौरान उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिसने कोई गलत कार्य नहीं किया है, उसे किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। लेकिन अगर कोई गड़बड़ी में शामिल पाया गया तो ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। इसी तरीके से देश की संस्कृति और मानसिकता को बदली जा सकती है। गोयल ने बातचीत के दौरान वकीलों और चारों बड़े वैश्विक कर वित्तीय परामर्श कंपनियों पीडब्ल्यूसी, डेलॉय, केपीएमजी और ईएंडवाई को निवेशकों को भ्रमित नहीं करने की नसीहत दी।

मल्टी-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा का उदाहरण देते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कंपनियों को कानून का सम्मान करना चाहिए। गलतियां निकालकर गड़बड़ी में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मल्टी-ब्रांड खुदरा में हमारी नीति है। इसके तहत केवल 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति है और हम इस पर मजबूती से कायम हैं। इसलिए मैं सभी से आग्रह करूंगा कि वे उसका अनुसरण करें और सम्मान करें।

दक्षिण पूर्ण एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कुछ मुद्दों पर बात करते हुए गोयल ने कहा कि उन्होंने 10 सदस्यों के संगठन के साथ मामले को उठाया है। उन्होंने कहा कि समझौते के कुछ उपबंधों को लेकर समस्या है और मैंने संबंधित देशों के साथ इसे उठाया है।

विनिर्माण को बढ़ावा देने के बारे में मंत्री ने कहा कि उन्होंने उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) से 50 क्षेत्रों की पहचान करने और उस पर काम करने को कहा है। गोयल ने उद्योग और निर्यातकों से सरकारी सब्सिडी पर बहुत ज्यादा निर्भर होने से मना किया और उसकी जगह प्रतिस्पर्धा बढ़ाने एवं उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने पर जोर दिया।

गोयल ने बताया कि ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए अंतर-मंत्रालयी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव के तहत एक समूह का गठन किया गया है। उन्होंने राज्य सभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का मसौदा तैयार किया है। इसे जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह नीति ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक क्षेत्रों बुनियादी ढांचा विकास, बाजार के लिए स्थान, नियामक मुद्दों, घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और ई-कॉमर्स के जरिए निर्यात प्रोत्साहन के मुद्दों को संबोधित करती है।

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