उदासी से बचने के लिए न करें नशा, स्वास्थ्य मंत्रालय का परामर्श- धूम्रपान पड़ेगा महंगा

नई दिल्ली(एजेंसी) : देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है। दूध, सब्जी, राशन जैसी बहुत जरूरी सेवाओं को लॉकडाउन से राहत दी गई है। ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम यानी घर से ही काम करने की सुविधा दी है। लोग घर में समय बिता रहे हैं। इस दौरान खुद का और परिवार का ख्याल कैसे रखें, इसको लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य मंत्रालय परामर्श जारी कर रहा है। इसी क्रम में मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान उदासी या एकाकीपन से निजात पाने के लिए नशा न करने का परामर्श दिया है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में नशा करना स्वास्थ्य के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संकट की वजह से लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों को उदासी और एकाकीपन से निजात पाने के लिए तंबाकू और शराब के सेवन से बचने की सलाह देते हुए कहा है कि धूम्रपान या नशा, रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर डालेगा। इसके साथ ही यह लोगों की दिमागी सेहत को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा। मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण लोगों की दिनचर्या में आए बदलाव का सेहत पर पड़ने वाले संभावित असर को देखते हुए मंगलवार को यह परामर्श दिया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से एहतियात बरतने की सार्वजनिक अपील की है। कहा है कि वे संक्रमण के संभावित दायरे में आने वालों के साथ शत्रुता या द्वेषपूर्ण रवैया न अपनाएं, बल्कि उन्हें उपचार और सावधानियों से अवगत कराएं। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और रोगी को समय पर उपयुक्त इलाज की सुविधा भी मिल सके।

मंत्रालय ने लॉकडाउन की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण को एक व्यक्ति से अन्य लोगों में फैलने से रोकना है। साथ ही खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाना है। लॉकडाउन के तहत तहत सिर्फ और सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिये ही बाहर जाने की छूट है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि सभी को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों की पर्याप्त जानकारी होना जरूरी है, ताकि वहां मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लिया जा सके। मंत्रालय ने भी माना कि लॉकडाउन के दौरान लोगों में कोरोना महमारी को लेकर भय का माहौल है। इसलिए, मंत्रालय ने लोगों से भयभीत होने के बजाय सावधान और सक्रिय रहने की अपील की है।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि लॉकडाउन में संभावित उदासी से निपटने के लिए लोगों को किसी भी प्रकार के नशे का सहारा बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। यह बात विशेषज्ञ भी बता चुके हैं कि तंबाकू और अल्कोहल का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और मनोदशा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा अन्य की अपेक्षा ज्यादा रहता है।

लॉकडाउन में लोग घरों में रहते हुए अपनी हॉबी को निखार सकते हैं। फोटोग्राफी, बागवानी, पकवान बनाने से लेकर नॉवेल पढ़ने, कविताएं लिखने, पेंटिंग करने जैसे शौक पूरे कर सकते हैं। बच्चों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी सकारात्मक सहभागिता बढ़ा सकते हैं। ध्यान, योग, व्यायाम वगैरह कर सकते हैं या फिर कैरमबोर्ड, चेस, लूडो वगैरह इंडोर गेम्स का भी मजा ले सकते हैं।

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