यूरोपीय देश इटली में कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया गया है. रोम के स्पाल्लान्जनी अस्पताल में मानव परीक्षण के पहले चरण में 90 वॉलेंटियर शामिल हो रहे हैं. परीक्षण में कोविड वैक्सीन का डोज लेनेवाली एक 50 वर्षीय महिला थी.
पहले परीक्षण के दौरान शोधकर्ता 12 हफ्तों तक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पर विचार करेंगे. साथ ही ये भी देखेंगे कि क्या वैक्सीन से एंटी बॉडीज पैदा हुई है या नहीं. मानव परीक्षण के लिए 5 हजार वॉलेंटियर आगे आए थे मगर शोधकर्ताओं ने सिर्फ 90 स्वस्थ वॉलेंटियर को मुहिम में शामिल किया. कोविड वैक्सीन को इटली की बायोटेक कंपनी रिथेरा (ReiThera) ने विकसित किया है. पहले चरण के परीक्षण में इटली के अनुसंधान मंत्रालय और लेजियो क्षेत्र ने 5 मिलियन यूरो का निवेश किया है.
अस्पताल के स्वास्थ्य निदेशक फ्रांससिस्को वाया ने कहा, “मैं बिल्कुल संतुष्ट हूं और मुझे गर्व भी है. वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए वैक्सीन अगले बसंत ऋतु तक तैयार हो सकती है.” डोज लेनेवाली महिला ने कहा कि उन्हें इटली के विज्ञान में विश्वास है. उन्होंने बताया, “मुझे उम्मीद है मेरी पसंद कामयाब होगी और लोग पहले की तुलना में ज्यादा जिम्मेदार होंगे.” अगस्त की शुरुआत से कोरोना वायरस महामारी के मामले इटली में बढ़ने लगे हैं. विशेषज्ञों ने उच्च जोखिम वाले इलाकों में छुटटियां मनाने गए लोगों की वापसी को जिम्मेदार ठहराया है.
संक्रमण के मामलों में तेजी पर विशेषज्ञों ने सितबंर में नई महामारी की आशंका जाहिर की है. कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में इटली भी एक मुल्क है. सरकार ने मई में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन कर प्रकोप को काबू में किया. बीमारी के खिलाफ इटली की वैक्सीन दुनिया में विकास और परीक्षण की एक कड़ी है. उसके प्रयास को शमिल कर लिया जाएत कई कोविड वैक्सीन विकास के अलग-अलग चरणों में है.