नई दिल्ली (एजेंसी). इकनॉमी : मोदी सरकार इकनॉमी में भारी गिरावट के बाद दूसरे राहत पैकेज की तैयारी कर रही है. सरकार ने साढ़े तीन महीने पहले 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज का ऐलान किया था. लेकिन पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट के बाद सरकार को दूसरे पैकेज के लिए सोचने को मजबूर कर दिया है. उसका यह पैकेज छोटे दुकानदारों और वेतनभोगी लोगों को राहत मुहैया कराएगा.
यह भी पढ़ें :
रिया चक्रवर्ती को NCB ने किया गिरफ्तार, अगर दोषी हुईं तो जाने किस धारा में कितनी सजा हो सकती है?
मई के मध्य में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच किस्तों में 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया था. ज्यादातर पैकेज लिक्विडिटी मदद के तौर पर दी जा रही है. अब जबकि पहली तिमाही में जीडीपी में इतनी भारी गिरावट आ गई है तो यह साफ संकेत है कि सरकार अब दूसरे पैकेज की तैयारी कर रही है क्योंकि जुलाई और अगस्त में जीडीपी में किसी बड़ी रिकवरी की उम्मीद नहीं दिख रही है.
यह भी पढ़ें :
चीन के झूठ को भारतीय सेना ने नकारा, कहा- हमने LAC पार नहीं की, चीनी सैनिकों ने चलाई गोली
सरकार के पास इकनॉमी की अब साफ तस्वीर है. लिहाजा वह यह भी तय कर सकती है कि राहत पैकेज किस तरह दिया जाए. इसका वक्त और डिलीवरी मोड क्या होगा, यह भी वह तय कर पाएगी. सूत्रों के मुताबिक यह राहत पैकेज ऐसे लोगों के लिए होगा जो न तो बहुत ज्यादा गरीब हैं और न बहुत अमीर. यह पैकेज मिडिल क्लास और छोटे दुकानदारों से लिए हो सकता है.
यह भी पढ़ें :
सोने के दाम में बढ़त या चांदी के दाम में गिरावट ? जानें
इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी मंत्रालयों के अधिकारियों और मंत्रियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. इसमें आर्थिक सलाहकार परिषद, नीति आयोग, मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. दस दिनों में दिए गए चार प्रजेंटेशन में 50 से ज्यादा अधिकारियों ने दूसरे राहत पैकेज के समर्थन में दलील दी.
यह भी पढ़ें :