तेजपुर (एजेंसी)। असम में एक मुस्लिम व्यक्ति के बीफ बेचने को लेकर नाराज लोगों के एक समूह ने पीटाई की और उसे सूअर का मांस खाने के लिए बाध्य किया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकतर मुस्लिमों में सूअर का मांस खाना हराम है।
पुलिस अधीक्षक राकेश रौशन ने बताया कि पीड़ित शौकत अली (48) पर बिश्वनाथ जिले के मधुपुर साप्ताहिक बाजार में स्थानीय लोगों के एक समूह ने हमला किया और उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत पड़ी।
घटना का वीडियो वायरल हो गया जिसमें दिखाया गया है कि अली कुछ नाराज लोगों से घिरा हुआ है जो ये जानना चाह रहे हैं कि वह कहां से आया है और क्या उसका नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी में है जिसका इरादा अवैध घुसपैठियों को बाहर करना है।
पुलिस के अनुसार अली को स्थानीय लोगों ने पीटा जो किसी कट्टरपंथी संगठन से नहीं जुड़े थे। खाने का स्टाल चलाने वाले अली ने दावा किया कि हमला करने वालों ने उसे सूअर का मांस जबर्दस्ती खिलाया लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हमने भी इसके बारे में सुना है। यह जांच का विषय है। मैं जांच के बाद ही यह बता पाऊंगा।’ घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ की गई।
अली ने दावा किया कि वह बाजार में बीफ तीन दशक से अधिक समय से बेच रहा है और उसे कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। समूह ने अली को बीफ के व्यंजन बेचने की इजाजत देने के लिए बाजार के ठेकेदार 42 वर्षीय कमल थापा को भी पीटा।
राज्य में गोवध और बीफ का सेवन प्रतिबंधित नहीं है लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950 केवल 14 वर्ष से अधिक उम्र के मवेशी को मारने की अनुमति देना है जिसके लिए पशु चिकित्सक से प्रमाणपत्र जरूरी है।