असम: भारी बारिश से 1500 गांव बन गए टापू, 6 लोगों की मौत, 8 लाख से ज्यादा लोगों पर असर

नई दिल्ली (एजेंसी)। असम में आसमान से आफत बरसने का सिलासिला थम नहीं रहा है। आधे हिंदुस्तान में बाढ़ की विनाशलीला जारी है। असम के 33 में से 21 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। किनारों पर लगातार तबाही मचा रही हैं। सूबे के 1500 से ज्यादा गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं। ऊपर से बारिश लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा रही है।

असम के 33 में से 21 जिलों के अबतक 8.69 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन की घटना के कारण तीन और लोगों की जान चली गई है और वहीं लोगों की मौत का आंकड़ा 6 हो गया है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के मुताबिक, राज्य के 21 जिले ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों के बाढ़ के पानी से डूब गए। वहीं लगभग 1556 गांवों के 8.69 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।

बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले दिन-ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दरंग, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, गोलपारा, मोरीगांव, होजई, नागांव, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट, सिबसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया बाड़ से प्रभावित होने वाले जिले हैं। बाढ़ के चलते पिछले 24 घंटों में गोलाघाट और दीमा हसाओ जिलों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण तीन और लोगों की जान चली गई।

बाढ़ से प्रभावित से होने वाली कुछ ऐसी नदियां है जो खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। जिनमें जोरहाट, सोनितपुर, कामरूप, गोलपारा और धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी, वहीं डिब्रूगढ़ में बुरहिंगढिंग, शिवसागर में देसंग, गोलाघाट में धनसिरी, सोनितपुर में जियाली, नगांव में कोपिली, कामरूप में पुतिमरी, बारपेटा में बेकी नदी, हैलाकांडी में कटखल और करीमगंज जिलों में कुशियारा खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं।

एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) टीमों को खोज और बचाव अभियान के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। लगातार बारिश की चलते असम के बराक घाटी व त्रिपुरा के लिए ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। बारिश की वजह से पूर्वोत्तर सीमावर्ती रेलवे (एनएफआर) के लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में रेल पटरियां प्रभावित हुई हैं।

बता दें, एएसडीएमए ने पहले ही शहर के अंदर और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों को अपने घरों को खाली करने की चेतावनी और नोटिस जारी किया था। लगातार मानसून सीजन में इलाके में हो रहे भूस्खलन के मद्देनजर जारी किया गया था। इस बीच मेघालय सरकार ने संभावित भूस्खलन व बाढ़ जैसे हालात को लेकर चेतावनी जारी की है।

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