अयोध्या में पर्यटन विस्तार, 440 करोड़ की भूमि खरीदने का प्रस्ताव

नई दिल्ली (एजेंसी). राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकता है. इस बीच अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने और भगवान राम की प्रतिमा के निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में 7 बिंदुओं पर चर्चा हुई.

कैबिनेट की बैठक में क्या हुआ?

  • अयोध्या में सौंदर्यीकरण व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भगवान राम पर आधारित डिजिटल लाइब्रेरी, लैंड सकैपिंग, प्रतिमा व पार्किंग के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ.
  • मीरपुर गांव में 61.3807 हेक्टेयर भूमि को खरीदने के लिए 440.46 करोड़ का प्रस्ताव कैबिनेट में पास.
  • पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी की कैंट थाना के क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किए जाने का फैसला.
  • वाराणसी में सारनाथ स्तूप पर टूरिज्म पुलिस थाना बनाए जाने का फैसला लिया गया. इसको गृह विभाग ही संचालित करेगा.
  • वर्ष 2019 -20 के लिए शीरा नीति के निर्धारण पर फैसला, 18 फीसदी शीरा देशी शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा.
  • यूपी नेडा द्वारा सौर ऊर्जा नीति 2017 के अंतर्गत 500 मेगावाट क्षमता के संबंध में प्रस्ताव पास.
  • 28 विकास खंडों के चयन के लिए गठित कमेटी की सिफारिशों का एक बार फिर से सर्वे कराए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास.

बता दें कि योगी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की 221 मीटर ऊंची कांस्य की प्रतिमा लगाने का ऐलान कर चुकी है. इस पर काम भी शुरू हो चुका है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि वह धार्मिक नगरी अयोध्या में भगवान राम की विशालकाय मूर्ति स्थापित करेगी. अपर मुख्य सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी के मुताबिक भगवान राम की मूर्ति 151 मीटर ऊंची होगी. मूर्ति के ऊपर 20 मीटर उंचा छत्र एवं नीचे कुल 50 मीटर का आधार होगा. इस प्रकार मूर्ति की कुल ऊंचाई 221 मीटर संभावित है.

अवस्थी के मुताबिक 50 मीटर ऊंचे आधार के अंदर ही भव्य एवं अत्याधुनिक संग्रहालय का प्रावधान होगा, जिसमें सप्तपुरियों में अयोध्या का इतिहास, इक्ष्वाकु वंश के इतिहास में राजा मनु से लेकर वर्तमान श्री राम जन्म भूमि तक का इतिहास, भगवान विष्णु के समस्त अवतारों के विवरण सहित भारत के समस्त सनातन धर्म के विषय में आधुनिक तकनीक पर प्रदर्शन की व्यवस्था होगी.

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