नई दिल्ली (एजेंसी)। आरटीआई एक्टिविस्ट अमित जेठवा हत्याकांड में बीजेपी के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी समेत सभी सात दोषियों को गुरुवार को आजीवन कारावास की सुनाई गई। इसके साथ ही दीनू बोघा और उसके भतीजे शिवा सोलंकी पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले अहमदाबाद के सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को पूर्व सांसद सोलंकी सहित सभी सातों आरोपितों को हत्या और आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था।
बता दें, 20 जुलाई 2010 को गुजरात हाईकोर्ट के सामने अमित जेठवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूर्व सांसद सोलंकी को क्लीन चिट दे दी थी। जेठवा के पिता ने हाई कोर्ट में अपील की थी। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई जांच में सोलंकी समेत सभी सात आरोपी दोषी पाए गए। दीनू बोघा सोलंकी 2009 से 2014 तक जूनागढ़ से भाजपा के सांसद रहे हैं।
गौरतलब है कि अमित जेठवा गिर वन क्षेत्र में अवैध माइनिंग के खिलाफ आरटीआई लगा रहे थे। उस दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद गुजरात पुलिस ने जांच में कहा था कि दीनू सोलंकी की हत्या में कोई भूमिका नहीं है। बाद में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा के पिता की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
इसके अलावा सोलंकी की जमानत पर भी अमित जेठवा के परिवारवालों ने याचिका दायर की थी। हलांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2014 में सोलंकी को जमानत दे दी थी।