नई दिल्ली (एजेंसी). रायपुर एयरपोर्ट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज कई बड़े फैसले लिये गये, जिसमें देश के 3 एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी दे दी गयी है. रायपुर एयरपोर्ट को अभी निजी हाथों में नहीं दिया जायेगा. 3 अन्य एयपोर्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निजीकरण के लिए मंजूरी दी है.
रायपुर एयरपोर्ट, सहित अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, और त्रिची के हवाईअड्डों को भारतीय विमानपतन प्राधिकरण( AAI) ने निजीकरण की सिफारिश सितम्बर 2019 में नागर विमानन मंत्रालय को की थी. मगर केंद्र सरकार ने आज 3 अन्य एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी दी हैं. उसमें जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट शामिल हैं.
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इन एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर देने का फैसला किया गया है. इन एयरपोर्ट को सरकार 50 साल के लिए लीज पर प्राइवेट कंपनियों को देगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया. उन्होंने बताया कि इससे 1070 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस पैसे का इस्तेमाल एयपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनाने के काम में करेगी. जावड़ेकर ने बताया, इससे यात्रियों को भी कई सुविधाएं मिलेंगी.
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल पीपीपी मॉडल के तहत परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी एयरपोर्ट का निजीकरण किया था. अब सवाल उठता है कि सरकार एयरपोर्ट को निजी हाथों में क्यों देना चाह रही है. इसका जवाब है कि इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी होगी.
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गौरतलब है कि एयपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं. जिसमें 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं. केंद्रीय कैबिनेट ने आज इसके साथ-साथ साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार के इस फैसले से नौकरी के लिए परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. अब उन्हें कई परीक्षों से होकर नहीं गुजरना होगा.
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