गाजियाबाद (एजेंसी)। थाना मसूरी के न्यू शताब्दीपुरम में एक घर से पति, पत्नी और उनके तीन बच्चों की लाश मिली है। पांचों के मुंह पर काले टेप चिपके हुए थे। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है।
पुलिस का कहना है कि पति का नाम प्रदीप है, जबकि उसकी पत्नी एम्स में स्टाफ नर्स है। तीनों बच्चों की उम्र 8, 5 और 3 साल है। पति को शराब की लत थी। आत्महत्या करने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 42 वर्षीय प्रदीप नाम का शख्स अपने माता-पिता, बहन, पत्नी और तीन बच्चों के साथ थाना मसूरी इलाके की न्यू शताब्दीपुरम कॉलोनी में पिछले काफी समय से रह रहा था। प्रदीप और उनकी पत्नी और तीनों बच्चे अपने कमरे में सोए हुए थे। शुक्रवार की सुबह जब उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला और कोई हलचल नहीं दिखाई दी तो घर में मौजूद अन्य लोगों ने उनका दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें अंदर से कोई जवाब नहीं मिला।
घर वालों को शक हुआ और उन्होंने खिड़की से अंदर देखा तो बिस्तर पर प्रदीप और उसके तीनों बच्चों के शव पड़े दिखे। प्रदीप और चारों बच्चों के मुंह पर करीब 4 इंच चौड़ा काले रंग का टेप बुरी तरह लिपटा हुआ था जबकि 40 वर्षीय पत्नी संगीता बिस्तर से नीचे लहूलुहान हालत में पड़ी हुई थी। उसके सिर में गंभीर चोट थी और वह तड़प रही थी। पास में ही खून से सना एक हथौड़ा पड़ा हुआ था और वह पूरी तरह बेहोशी की हालत में पड़ी हुई थी।
पुलिस ने आनन-फानन में संगीता को अस्पताल पहुंचाया। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके अलावा प्रदीप और तीनों बच्चों के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुरुआती जांच में पता चला है कि कमरे में किसी तरह का कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है और घर में मौजूद अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस की शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि प्रदीप ने पहले अपनी पत्नी के सर पर हथौड़े से वार किए, उसके बाद तीनों बच्चों के मुंह पर टेप लगाकर उनकी हत्या की है। उसके बाद खुद ने भी अपने मुंह पर टेप लपेट कर आत्महत्या कर ली क्योंकि जिस कमरे में यह पूरा परिवार था उस कमरे का अंदर की तरफ से दरवाजा बंद था। पुलिस ने ही दरवाजे को कड़ी मशक्कत के बाद तोड़ा।
बताया जा रहा है कि प्रदीप निजी कंपनी में जॉब करता था और इस मकान में उसके माता-पिता, एक बहन और उसकी पत्नी और तीन बच्चे रहते थे। माता पिता और बहन घर के दूसरे कमरे में थे। उनका भी कहना है कि उन्होंने किसी तरह की कोई चीख पुकार नहीं सुनी। सुबह जब रोजाना की तरह उनका दरवाजा नहीं खुला तो उन्हें खिड़की से देखा गया तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई और पुलिस ने ही दरवाजा तोड़कर सभी को बाहर निकाला।