नई दिल्ली (एजेंसी)। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की चाची का शव बुधवार को पुलिस गांव लेकर पहुंची। इसके बाद शव को शुक्लागंज गंगाघाट ले जाया गया, जहां कुछ ही देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता की चाची के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए चाचा को 12 घंटे की पैरोल दी है। पुलिस रायबरेली जेल से चाचा को लेकर सीधे शुक्लागंज के गंगाघाट पहुंची है। पीड़िता के वकील भी गंगाघाट पहुंचे। परिवार की मौजूदगी में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अंतिम संस्कार के बाद चाचा को फिर रायबरेली जेल भेज दिया जाएगा। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही पुलिस ने मंगलवार देर शाम बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा। गांव के साथ गंगाघाट तक पुलिस का पहरा रहेगा। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को हाईकोर्ट से एक दिन के पैरोल की स्वीकृति हुई है।
बता दें कि, चाचा को पैरोल न मिलने से चाची के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार को भी नहीं हो पाया था। किशोरी की चाची और मौसी की रविवार को रायबरेली जिले में हुए रहस्यमय सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पुलिस ने जद्दोजहद के बाद दोनों शवों का लखनऊ में पोस्टमार्टम तो करा दिया, लेकिन अंतिम संस्कार करने के लिए घर में कोई पुरुष के न होने से रायबरेली जेल में बंद उसके पति महेश (किशोरी के चाचा) ने डीएम से पैरोल मांगी थी।
विचाराधीन बंदी होने से डीएम ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताया था। इसके बाद चाचा के अधिवक्ता अजेंद्र अवस्थी ने लखनऊ हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। मंगलवार को पैरोल मिलने की संभावना से सुबह से ही गांव के लोग शव आने का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार सुबह ही पीड़िता की नानी व मामा उसके घर पहुंच गए थे। घर पर भारी फोर्स देख नानी और मामा असहज रहे।