मुंबई (एजेंसी). महाराष्ट्र में सत्ता के लिए घमासान लगातार जारी है. एक साथ चुनाव लड़ने वाली बीजेपी (BJP) और शिवसेना (ShivSena) के बीच सरकार बनाने को लेकर खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. चुनाव नतीजे आने के छह दिन बाद भी अब तक राज्य में नई सरकार का गठन नहीं हुआ है. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी है.
बुधवार को दोपहर एक बजे मुंबई में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश खन्ना को विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है. इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है.
बता दें कि शिवसेना और बीजेपी ने 21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ा था. नतीजों में बीजेपी 105 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी हालांकि वो बहुमत से काफी दूर रह गई थी. वहीं शिवसेना ने 56 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. इस तरह चुनाव नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत मिला लेकिन नई सरकार के गठन के लिये दोनों दल अपने रूख में नरमी के संकेत नहीं दे रहे हैं. शिवसेना ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद मांग रही है, लेकिन बीजेपी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
इससे पहले सूत्रों से मिली जानकारी की मुताबिक मंगलवार शाम कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार के बीच फोन पर बातचीत हुई है. महाराष्ट्र में शिवसेना के दूसरे विकल्प खुले रहने के उद्धव ठाकरे के बयान के बाद पवार और सोनिया के बीच बातचीत के राजनीति मायने निकाले जा रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार गठन के लिये शिवसेना से कोई ‘ठोस’ प्रस्ताव मिलने पर ‘विचार’ करेगी.