गुना (एजेंसी)। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर मध्य प्रदेश के गुना जिले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। यहां की एक पंचायत में बुजुर्ग महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है। चाचौड़ा पंचायत की 84 साल की बुजुर्ग महिला ने आरोप लगाया है कि पांच हजार रुपए रिश्वत नहीं देने के कारण पंचायत सचिव ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर जब वृद्धा ने वरिष्ठ अधिकारी से सवाल किया, ‘मैं जिंदा हूं या मर गई’, तो दफ्तर में मौजूद लोग हैरान रह गए। मामले की जानकारी लेने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आरोपी पंचायत सचिव को शोकॉज जारी किया है।
84 वर्षीय वृद्धा शांति बाई ने बताया कि उन्होंने पंचायत सचिव राजेंद्र सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर के लिए आवेदन दिया था। उनका आरोप है कि पंचायत सचिव ने उससे इसके एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बुजुर्ग महिला ने जब रिश्वत नहीं दी, तो सचिव ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। शांति बाई ने आरोप लगाया कि उन्हें मृत बताकर सचिव ने किसी अन्य व्यक्ति का नाम इस योजना के लाभुकों की सूची में जोड़ दिया।
जब शांति बाई को फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने का पता चला, तो वो जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची। यहां उसने जनपद कार्यालय के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देते हुए पूछा कि, ‘मैं ज़िंदा हूं या मर गई’, तो जिम्मेदार अफसरों को इसका जवाब नहीं सूझा। पूरे मामले में रोचक तथ्य यह भी है कि बुजुर्ग शांति बाई को वर्तमान में सरकार की कल्याणी योजना के तहत पेंशन भी मिल रही है। इसके बावजूद फर्जी तरीके से उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।