रायपुर (अविरल समाचार). स्काईलैब क्यों और कैसे गिरने वाला था? क्या होता है अंग्रेजी फिल्म के ट्रेलर में ? नल पर झगड़े के दौरान कौन किस भूमिका में रहता है? चाट की दुकान पर जब लड़कियां गुपचुप खाती है तो उनके मनोभाव क्या होते है? अगर दिल को गुदगुदाने वाली इस हकीकत से आप वाकिफ नहीं है तो एक बार आपको केके नायकर को अवश्य सुनना चाहिए. अपनी मौलिक और जबरदस्त ढंग से जांचने- परखने वाली क्षमता से जनसामान्य को भौंचक कर देने वाले देश के पहले स्टैंडअप कॉमेडियन नायकर कई सालों के बाद एक बार फिर अपने चाहने वालों से रू-ब-रू होने जा रहे हैं. अपना मोर्चा डॉट कॉम और शिक्षादूत प्रकाशन की ओर से आयोजित ‘नायकर अभी जिंदा है…’ नामक कार्यक्रम 27 जनवरी की शाम ठीक साढ़े सात बजे शहीद स्मारक भवन में होने जा रहा है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होंगे जबकि अध्यक्षता पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव करेंगे. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और वरिष्ठ पत्रकार मोहन राव होंगे.
फूहड़ हास्य के भयावह दौर में भले ही नई पीढ़ी केके नायकर से वाकिफ नहीं है, मगर देश की एक बड़ी आबादी केके नायकर को सुनते-समझते बड़ी हुई है. जब बड़े- छोटे एलपीजी रिकार्ड और कैसेट का दौर था तब हास्य-व्यंग्य के हर मंच पर केके नायकर की तूती बोलती थी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब नायकर पीछे धकेल दिए गए. हास्य-व्यंग्य के प्रायोजित बाजार ने उन्हें गुमनामी के अंधेरे में जीने के लिए मजबूर कर दिया. यदा-कदा जब वे याद किए गए तो लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल यहीं उठा- अरे… क्या वे जिंदा है ? सच तो यह है कि हास्य में शुद्धता की रक्षा के लिए संघर्षरत नायकर अब भी जिंदा है और पूरे जोशों-खरोश के साथ अपनी नई पारी खेलने को तैयार है. खुशी की बात यह है कि अपनी नई पारी के शुरूआत वे रायपुर से करने जा रहे हैं. कार्यक्रम में सेक्सोफोन की दुनिया टीम से जुड़े सेक्सोफोनिस्ट विजेंद्र धवनकर पिंटू, लीलेश, सुनील कुमार और साथियों की भी खास प्रस्तुति देखने को मिलेगी.