चिन्मयानंद मामले में पीड़िता पर भी लटक रही गिरफ़्तारी की तलवार, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इंकार

प्रयागराज (एजेंसी)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद यौन उत्पीड़न मामले में पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अर्जी पर किसी तरह की राहत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले का स्वतः संज्ञान लिए जाने के बाद जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले करीब 20 दिनों से एसआईटी स्वामी चिन्मयानंद से जुड़े मामले में जांच कर रही है। उधर, जेल में बंद चिन्मयानंद को खराब स्वास्थ की वजह से केजीएमयू में भर्ती किया गया है। इस जांच के दौरान एसआईटी ने दो एफआईआर दर्ज की है। एक मामला स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप की धाराओं में दर्ज किया गया है। दूसरा मुकदमा पीड़ित लड़की और उसके दोस्तों के खिलाफ ही दर्ज किया गया है, जो रंगदारी से जुड़ा हुआ है।

एसआईटी ने इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पीड़ित लड़की के तीन दोस्तों सचिन, विक्रम और संजय को भी गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एसआईटी पीड़िता को भी गिरफ्तार कर सकती है। रंगदारी के मुकदमे में पीड़ित लड़की का भी नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। पीड़ित छात्रा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कहा कि यदि पीड़ित छात्रा इस संबंध में कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है।

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