मुंबई (एजेंसी)| आईसीआईसीआई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्णा समिति ने पाया कि वीडियोकोन को ऋण देने के मामले में उन्होंने हितों के टकराव और जिम्मेदारियों को निभाने के समय बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस ऋण का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक के स्वामित्व वाली कंपनी को दिया गया। जांच रपट की मिलने के बाद बैंक बोर्ड निदेशकों ने कंपनी से उनके `अलगाव` को बैंक की नीतियों के तहत उन्हें `कंपनी से हटाया जाना` माना, जिसके अंतर्गत उनके मौजूदा और भविष्य के सभी अधिकारों जैसे भुगतान नहीं की गई राशि, बोनस, इंक्रीमेंट और स्टॉक विकल्पों से वंचित कर दिया गया।