नई दिल्ली(एजेंसी):देश में मांग पैदा करने के लिहाज से एसबीआई ने लोन देने के लिए एक नया वर्टिकल बनाया है. इसके जरिये कस्बाई, अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में लोन बांटने की गति तेज की जाएगी. फाइनेंशियल इनक्लूजन और माइक्रो मार्केट वर्टिकल के तहत कृषि और इससे जुड़ी सहायक गतिविधियों और माइक्रो उद्योगों को लोन देने में प्राथमिकता दी जाएगी.
एसबीआई के मुताबिक इसने ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में अपने ऐसी 8 हजार शाखाओं को चिन्हित किया है, जो माइक्रो उद्योग, कृषि और इसकी सहायक सेक्टर को लोन देने तेजी से कदम उठाएगी. ग्रामीण, अर्द्धशहरी और शहरी इलाकों में एसबीआई के 63 हजार से ज्यादा कस्टमर सर्विस प्वाइंट है. एसबीआई इनके जरिये माइक्रो उद्योग और कृषि क्षेत्र के उद्योगों को लोन देगा. एसबीआई के मुताबिक इससे माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा.
सरकार की ओर से लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने के निर्देश के मुताबिक एसबीआई ने यह कदम उठाया है. देश में लॉकडाउन के दौरान बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां गई हैं और छोटे उद्योग संकट में आ गए हैं. छोटे उदयोगों के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. लेकिन अभी औद्योगिक गतिविधियों को पूरी रफ्तार पकड़ने में वक्त लगेगा. इस बीच बैंक देश के पिछड़े इलाकों में रह रहे गरीब और साधनहीन लोगों को सस्ता लोन देकर उन्हें आर्थिक गतिविधियों से जोड़ना चाहती है.
देश में अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है. रेटिंग एजेंसियों ने विकास दर को लेकर नकारात्मक अनुमान लगाने शुरू कर दिए हैं. वर्ल्ड बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की वजह से देश में 6 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं. ऐसे में सार्वजनिक बैंकों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के निर्देश दिए गए हैं.
हालांकि एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि ग्राहक अभी लोन लेने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. एसबीआई के पास लोने के लिए पर्याप्त फंड होने के बावजूद ग्राहक लोन के लिए कम आ रहे हैं.