नई दिल्ली(एजेंसी) :लॉकडाउन ने कॉरपोरेट कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जनवरी-मार्च तिमाही में इन कंपनियों का रेवेन्यू काफी घट गया है. 410 कंपनियों ने अपना फाइनेंशियल रिजल्ट घोषित किया है. इनके मुताबिक 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनियों के मुनाफे में (PBT ) में 35 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि रेवेन्यू छह फीसदी घटा है.
कॉरपोरेट कंपनियों को इस दौरान सात दिनों के राजस्व का घाटा हुआ है क्योंकि लॉकडाउन 25 मार्च को लागू हुआ था. हालांकि कॉरपोरेट कंपनियों में सरकार की ओर से दिए गए टैक्स में छूट की वजह से थोड़ी राहत मिली है और इसकी वजह से इसके शुद्ध मुनाफे की गिरावट 32.3 फीसदी तक रखने में मदद मिली. कॉरपोरेट कंपनियों का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है.
इससे पहले ही कॉरपोरेट कंपनियों ने कमाई गिरने की आशंका व्यक्त की थी. उनका कहना था कि लॉकडाउन के दौरान कमाई 25 फीसदी तक घट गई है. स्क्रिपबॉक्स की ओर से किए गए सर्वे में कहा गया था कि कंपनियों को कमाई के मामले में सामान्य स्थिति में लौटने में एक साल का वक्त लग सकता है. इस सर्वे में 67 फीसदी सीईओ और दूसरे आला अधिकारियों ने कहा था कि रेवेन्यू में भारी गिरावट आ सकती है.
इस बीच, कई कंपनियों के वित्तीय नतीजे आए हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर को भारी नुकसान हुआ है. इनमें वेदांता, डिवीज लैब्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, एलएंडटी, डीएलएफ, बीपीसीएल, इंटरग्लोब, अपोलो टायर्स, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, सिप्ला, बायोकोन, सिमन्स, गोदरेज कंज्यूमर, कोटक महिंद्रा बैंक आदि शामिल हैं.
हाल में वेदांता को 17,386 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान हुआ. कंपनियों का रेवेन्यू और मुनाफा घटने से रोजगार को लेकर आशंकाएं ज्यादा गहरा गई हैं. घाटे से उबरने के लिए कंपनियां खर्च घटा रही हैं. इस वजह से बड़ी तादाद में कंपनियों ने छंटनी का रास्ता अपनाया है. कॉरपोरेट कंपनियों का कहना है कि इस हालात में सरकार को अपने प्रोत्साहन पैकेज को और बड़ा करना होगा.