नई दिल्ली (एजेंसी). ओडिशा के कंधमाल जिले के निवासी और सिर से जुड़े भाइयाें जग्गा और कालिया काे अलग करने के लिए की गई सर्जरी को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। यह सर्जरी दिल्ली के एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने की थी। इस सफल सर्जरी को लिम्का बुक के वर्ष 2020 के संस्करण में जगह दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लिम्का बुक ने इसे देश में अपनी तरह के पहले ऑपरेशन के तौर पर जगह दी है। इस सर्जरी में 125 डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम जुटी थी। इस टीम का नेतृत्व प्रो. अशोक कुमार महापात्रा और डॉ. दीपक कुमार गुप्ता ने किया था।
सर्जरी के समय साल 2017 में जग्गा और कालिया की उम्र करीब 28 माह थी। इस बेहद जटिल सर्जरी को दो बार में पूरा किया गया था। पहली बार 28 अगस्त 2017 को सर्जरी की गई, जबकि दूसरी बार 25 अक्तूबर को।
प्राे. महापात्रा इस संबंध में कहते हैं कि यह बड़ी चुनाैती थी। कपाल से जुड़े बच्चाें की भारत में यह पहली सर्जरी थी। इसमें एम्स के वेन बैंक से नस लेकर कालिया के सिर में लगाई गई थी, क्याेंकि दाेनाें बच्चाें के सिर में एक ही नस थी। उन्होंने बताया कि यह वेन ग्राफ्टिंग की दुनिया की पहली सर्जरी थी।
इसके लिए न्यूयाॅर्क के अलबर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन में पीडियाट्रिक न्यूराेसर्जन प्राे. जेम्स टी गुडरिच की सलाह भी ली गई थी, जाे ऐसी ही दो सर्जरी पहले भी कर चुके थे। गुडरिच दुनिया में इस क्षेत्र के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
प्रो. महापात्रा ने कहा कि वास्तविक सर्जरी करने से पहले तीन बार डमी ऑपरेशन किए गए थे। ताकि गलती की कोई गुंजाइश ना रहे। पिछले 33 सालों में दुनिया में ऐसी बमुश्किल 12 या 13 सर्जरी ही हुई हैं। बता दें कि सर्जरी के बाद जग्गा और कालिया को दिल्ली के एम्स अस्पताल में ही करीब दो साल तक रहना पड़ा था। सितंबर 2019 में ही दोनों बच्चों को ओडिशा भेजा गया था।