उत्तराखंड : दो से ज्यादा बच्चों वाले नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, सदन में विधेयक पारित

देहरादून (एजेंसी)। दो से अधिक बच्चे होने पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी से वंचित करने वाला विधेयक बुधवार को सदन में पास हो गया। सरकार ने इस शर्त को लागू करते हुए 300 दिन के ग्रेस पीरियड की उस व्यवस्था को भी खत्म कर दिया, जो नगर निकाय चुनाव के संबंध में दी गई थी। सरकार ने इसी पंचायती चुनाव से इस व्यवस्था को लागू करने की बात कही है। विधेयक के कानून बन जाने की तारीख से यह व्यवस्था लागू मानी जाएगी और दो से ज्यादा बच्चों वालों के लिए चुनाव लड़ने के दरवाजे बंद हो जाएंगे। इसके साथ ही, अब पंचायतों में प्रतिनिधि बनने के लिए न्यूनतम आठवीं और दसवीं (अलग-अलग श्रेणी के लिए) पास होना भी जरूरी होगा।

बुधवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन में पंचायत राज संशोधन अधिनियम-2019 पारित हो गया। एक दिन पहले सरकार ने जिस संशोधन विधेयक को सदन में पेश किया था, उसमें बुधवार को दो संशोधन किए गए।

संतान संबंधी व्यवस्था में ग्रेस पीरियड की व्यवस्था खत्म करने के अलावा, शैक्षिक योग्यता में पांचवी पास के प्रस्ताव को भी हटा दिया गया है। बुधवार को यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने दो संशोधन प्रस्ताव रखे, इन्हें सदन की मंजूरी मिल गई।

01 -पंचायत चुनाव में अभी तक संतान संबंधी कोई शर्त लागू नहीं थी। 2002 को कट ऑफ डेट मानते हुए सरकार नगर निकाय में इस व्यवस्था को लागू कर चुकी है। मंगलवार को सरकार ने सदन में संशोधन विधेयक को पेश किया था। इसमें दो बच्चों की व्यवस्था का जिक्र करते हुए 300 दिन के ग्रेस पीरियड की बात कही गई थी। मगर संशोधन के बाद इसे हटा दिया गया है।

02 -पंचायत चुनाव में अभी तक शैक्षिक योग्यता भी कोई शर्त नहीं थी। अब किसी भी पद के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार का दसवीं पास होना अनिवार्य होगा। सामान्य महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आठवीं पास होना जरूरी होगा। पहले अनुसूचित जाति, जनजाति की महिला उम्मीदवारों के लिए पांचवी पास होना जरूरी था, लेकिन अब इसको हटा दिया गया है।

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