नई दिल्ली(एजेंसी): अदरक की चाय, खासकर सर्दी की सुबह में बड़े चाव से पी जाती है. स्वाद से भरपूर, अदरक में औषधीय गुण पाए जाते हैं. आवुर्येदिक जड़ी-बूटी से कई बीमारियों के इलाज में अदरक लोकप्रिय रहा है. गले में खराश से लेकर शरीर के टॉक्सिन्स निकालने तक में अदरक जादुई असर करता है. लेकिन, शक्तिशाली जड़ी-बूटी का अत्यधिक सेवन कई साइड-इफेक्ट्स का कारण भी बन सकता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, अदरक आंतों के जरिए भोजन और मल की निकासी को तेज करता है. जिससे बेचैनी और व्याकुलता और कभी-कभी डायरिया होने का खतरा रहता है.
प्रति दिन निर्धारित 1500 ग्राम मात्रा से ज्यादा सेवन करने पर अदरक के चलते गर्भपात का खतरा बढ़ता है. सुरक्षित होने के लिए विशेषज्ञ प्रेग्नेंसी के दौरान अदरक के ज्यादा सेवन से दूर रहने की सलाह देते हैं. अदरक की ठीक मात्रा की जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है.
इस बात के प्रयाप्त सबूत हैं कि अदरक एसिड रिफ्लेक्स कम कर सकता है. लेकिन उससे भी ज्यादा सबूत है कि अदरक पेट में जलन और उत्तेजना का कारण बन सकता है. अदरक में पाया जानेवाला जिंजरोल्स पेट को ज्यादा एसिड पैदा करने के लिए उत्तेजित करता है. पेट में सामान्य से ज्यादा एसिड बनने पर ‘एसिड रिफ्लेक्स’ कहलाता है. एसिड रिफ्लेक्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में मौजूद अम्ल वापस इसोफेगस में जाने लगते हैं. गले और पेट को आपस में जोड़नेवाली ट्यूब इसोफेगस या भोजन नली कहलाती है.
कई शोध से पता चला है कि अदरक ब्लड प्रेशर कम कर सकता है. ये हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छी स्थिति होती है. लेकिन जिन लोगों का ब्लड प्रेशर सामान्य है या निम्न है तो अदरक की चाय के सेवन के बाद उन्हें चक्कर या कमजोरी हो सकती है.
चाइनीज शोध में बालों के विकास पर अदरक के प्रभाव को पाया गया है. शोध के मुताबिक, अगर आप लंबे समय से अपना बाल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं या गंजेपन से जूझ रहे हैं, तो आप अदरक के सेवन को नजर अंदाज कर सकते हैं क्योंकि जिंजरोल की विशेषता बालों की दोबारा वृद्धि रोकने की है.